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राष्ट्रको खंडित करना एवं उसे मौन स्वीकृति देना, क्या यह जघन्य अपराध नहीं ?

स्वतंत्रतादिवस विशेष सद्गुरुदेव प.पू. आचार्य स्वामी श्री धर्मेंद्र महाराज, श्रीपंचखंडपीठजीके पावन परिवारके जून २००९ की पत्रिकामें ‘महात्मा रामचंद्र वीरका निर्वाण अखंड भारतके स्वप्नका अवसान’ इस…

क्रांतिकारियोंका अपमान एवं इतिहासका विकृतिकरण रोकें !

स्वतंत्रता-समरके अग्निकुंडमें आहुति देनेवाले सहस्रों क्रांतिकारियोंके उपकार आजके निधर्मी राज्यकर्ता भूल गए हैं । वे क्रांतिकारी तथा राष्ट्रपुरुषोंका आगे दिए अनुसार विकृत इतिहास प्रचारित कर…

कौन कहता है हम स्वतंत्र हैं ?

वर्तमानमें समाजका एक भाग नीतिपर आधारित होना, तो दूसरा अर्थपर आधृत विकास करनेके लिए संघर्षरत होना : ‘किसी राष्ट्रके लिए ६० वर्षोंका काल अल्प नहीं…

भारतीयो स्वतंत्रतादिवस तिथिनुसार ‘श्रावण कृष्ण चतुर्दशी’ को मनाइए !

देश ‘श्रावण कृष्ण चतुर्दशी’ इस तिथिको स्वतंत्र हुआ ! अंग्रेजी मानसिकताके कारण स्वतंत्रता दिन ईसाई कालगणनाके ‘१५ अगस्त’को है । भारतीयो, यह मानसिकता त्यागकर भारतका…