बुद्धि से अध्ययन करने पर, उसकी गहराई समझ में नहीं आतीं

सागर को केवल देखने अथवा उसके विषय में बुद्धि से अध्ययन करने पर, उसकी गहराई एवं वहां की बातें समझ में नहीं आतीं । उसी प्रकार, स्थूल विषय का बुद्धि से अध्ययन करने पर, उसमें विद्यमान सूक्ष्म आध्यात्मिक जगत् समझ में नहीं आता ।

‘हिन्दू राष्ट्र’ में धार्मिक शिक्षा दी जाने के कारण, एक भी अपराधी नहीं होगा !

विद्यालयों में, जीवन का सबसे उपयोगी विषय, ‘साधना’ को छोडकर, अन्य सब विषय पढाए जाते हैं । इसलिए समाज में सर्वत्र, भ्रष्टाचार फैला हुआ है । इसके विपरीत, ‘हिन्दू राष्ट्र’ में धार्मिक शिक्षा दी जाने के कारण, एक भी अपराधी नहीं होगा !

सनातन तात्त्विक नहीं, अपितु प्रायोगिक प्रत्यक्ष साधना सिखाता है

सनातन तात्त्विक नहीं, अपितु प्रायोगिक प्रत्यक्ष साधना सिखाता है; क्योंकि तात्त्विक ज्ञान कितने भी जन्मों तक सिखने पर पूरा नहीं होता । इसके विपरीत प्रत्यक्ष साधना सिखाने से साधकों की शीघ्र गति से आध्यात्मिक उन्नति होकर वे जन्म-मृत्यु के चक्रों से मुक्त होते हैं ।

मेरा कार्य अधिक मात्रा में सूक्ष्म स्तर पर होने से अन्य…

मेरा कार्य अधिक मात्रा में सूक्ष्म स्तर पर होने से अन्य संतों के समान मेरा नाम हिन्दुओं में बडा नहीं हुआ; परंतु सूक्ष्म के अभ्यासी, सूक्ष्म को जाननेवाले संत एवं महर्षियों तक मेरा नाम पहुंचा ।

साधना के लिए प्रत्यक्ष रूप से क्रिया करना आवश्यक होता है

रसोई बनाने के अनेक पुस्तकों को पढकर रसोई बनाना नहीं आता । उसी प्रकार से साधना के संदर्भ में सैकडों पुस्तकों को पढकर साधना नहीं होती । उसके लिए प्रत्यक्ष रूप से रसोई बनाने की तरह प्रत्यक्ष रूप से साधना करने की क्रिया करना आवश्यक होता है ।

आधुनिक वैद्य, अभियंता, अधिवक्ता इत्यादी के धर्म के संबंध में . . .

आधुनिक वैद्य, अभियंता, अधिवक्ता इत्यादी के धर्म के संबंध में विचार कोई भी हों; परंतु उनके कार्यपर विचारों का परिणाम नहीं होता; परंतु पुलिस एवं न्यायाधीशों के धर्म के विषय में उनके व्यक्तिगत दृष्टिकोण के कारण, उदा. पुलिस एवं न्यायाधीशों के बुद्धिजीवि होने से उनके कार्यपर उसका परिणाम होता है ।

व्यष्टि एवं समष्टि साधना परस्परों के लिए अनुपूरक !

व्यष्टि एवं समष्टि साधना परस्परों के लिए अनुपूरक ! १. व्यष्टि साधना : इस साधना को करनेवालों का आध्यात्मिक स्तर ८० प्रतिशत होनेतक उनका ध्यान अपनी स्वयं की प्रगति की ओर ही होता है । उसके आगे जानेपर उनके अज्ञानवश ही उनके अस्तित्व के कारण उनके द्वारा समष्टि का कार्य होने लगता है । जैसे … Read more

राष्ट्र आैर धर्म के लिए कार्य करनेवालोंको सिद्ध करना ज्यादा महत्त्वपूर्ण !

मैं अमुक एक उपक्रम करता हूं, ऐसा बतानेवालों की अपेक्षा मैं उपक्रम चलानेवालों को सिद्ध करता हूं, यह बतानेवाले अधिक महत्त्वपूर्ण हैं !

हिन्दू राष्ट्र की राज्यभाषा !

हिन्दुओ, ‘हिन्दू राष्ट्र’ में दास्यता दर्शानेवाली एवं रज-तमप्रधान अंग्रेजी भाषा भारत में नहीं होगी । राज्यों की भाषा प्रशासकीय भाषा होगी । इसलिए यदि आप को ऐसा प्रतीत होता है कि, भविष्य में आपके बच्चों को नौकरी प्राप्त हो, तो उसे अभी से भारतीय राज्यभाषा में शिक्षा दें ।

खरी वास्तुशुद्धि !

१. सर्वसाधारण व्यक्ति : इन्हें अपना निवास ही वास्तू प्रतीत होती है एवं उसके लिए यदि आवश्यक है, तो वे वास्तुशद्धि विधि करते हैं । २. व्यष्टि साधना करनेवाले : इन्हें शरीर, मन एवं बुद्धि यह आत्मा की वास्तू प्रतीत होती है एवं वे उनकी शुद्धि हेतु प्रयास करते है । ३. समष्टि साधना करनेवाले … Read more