गोवा मुक्ति आंदोलन के स्वातंत्र्यसेनानी डॉ. त्रिस्तांव दि ब्रगांझ कुन्हा का २६ सितंबर को स्मृतिदिन है । १२ एप्रिल १८९१ के दिन सासष्ठी तालुका में स्थित चांदर गांव में जन्में डॉ. कुन्हाने मुंबई से कला शाखा की (बी.ए) उपाधि प्राप्त करनेपर पॅरीस को जाकर अभियंता उपाधि प्राप्त की ।
पॅरीस से लौटनेपर उन्होंने गोवा के मुक्ति संग्राम में भाग लिया । उन्होंने सन् १९२८ में गोवा कांग्रेस समिति की स्थापना की । कुन्हा को अनेक समय पोर्तुगिजोंने बंदी बनाकर बंदीगृह में डाला । ‘ फ्री गोवा ‘ यह वृत्तपत्र उन्होंने कुछ समयतक चलाया ।
गोवा की मुक्ति के लिए डॉ. टी.बी कुन्हाजी का बहुत बडा योगदान है । राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष श्री. सुभाषचंद्र बोसने डॉ. कुन्हा को अन्य सहकारियों के साथ मिलकर गोवा कांग्रेस में संलग्न होने के लिए कहा । गोवा कांग्रेस राष्ट्रीय कांग्रेस में संलग्न करने के उपरांत उसके वे प्रथम अध्यक्ष थे ।
मुंबई में २६ सप्टेंबर १९५८ को उनका निधन हुआ ।ईसाईयों के विरोध में मुंहतोड लिखने के कारण उनके मृतदेह को दफन करने के लिए चर्चने मना किया । तदउपरांत उनका पार्थिव प्रोटेस्टंट नामक दूसरे पंथ के दफनभूमि में दफन किया गया ।