‘मुझे अपना साम्राज्य स्थापित करना है… कैसे करूं ?… मेरे पास लाइफ ही नहीं बची है .. अब कुछ तो करना चाहिए… अपोनेंटपर काऊंटर अटैक करना पडेगा…’ रातको नींदमें राजूके इस बडबडानेसे उसकी मां त्रस्त हो गई थीं । ऐसा क्यों हो रहा है, उन्हें इसका कोई अनुमान नहीं लग रहा था । राजूके संगणकपर (‘कम्प्यूटर’पर) खेलते समय एक दिन उन्होंने ध्यानपूर्वक देखा, तो वे सभी खेल, दौड (रेसिंग), मारपीट इत्यादि के थे । वे सभी ‘गेम्स’ देखकर वे त्रस्त हो गईं ।’
बच्चो, यह राजू आपको परिचित अथवा अपना-सा लग रहा है न ? आपको भी प्रिय हैं न ‘वीडियो गेम्स’ ? आप भी खेलते हो न ‘वीडियो गेम्स’ ? परन्तु सावधान ! ये ‘वीडियो गेम्स’ मनका रंजन नहीं करते, अपितु मनको विकृत करते हैं, यह ध्यान रखें !
१. ‘वीडियो गेम्स’ के प्रकार
‘वीडियो गेम्स’के माध्यमानुसार (यन्त्रानुसार) विविध हैं, जैसे ‘कम्प्यूटर गेम्स’, ‘कन्सोल गेम्स’, ‘मोबाइल गेम्स’ तथा खेलके अनुसार हैं – ऐक्शन गेम्स, ऑर्किड गेम्स (उदा. ‘रेसिंग’), टेरर गेम्स ।
बच्चोंका सर्वाधिक वीडियो गेम है ‘टेरर गेम’; इसलिए टेरर गेमके विषयमें यहां जानकारी दे रहे हैं । टेरर गेम्सका स्वरूप एवं उनके दुष्परिणाम पढकर टेरर गेम्ससमान अन्य गेम्स भी किस हानिकारक हैं, इसकी कल्पना कर पाएंगे ।
२. टेरर गेम्स
अ. ‘टेरर गेम्स’का स्वरूप
विध्वंसक स्वरूपके अथवा हिंसासे युक्त गेम्सको ‘टेरर गेम्स’ कहते हैं । यह खेल कितने विध्वंसक स्वरूपका होता है, यह समझनेके लिए निम्नांकित दो उदाहरण पर्याप्त हैं ।
१. अधिकाधिक क्रूरतासे आचरण करनेको सिखानेवाला खेल !
‘टेरर गेम्समेें अधिकाधिक क्रूरतासे आचरण करनेवालेको अधिक अंक (पॉइंट्स) मिलते हैं, अर्थात गाडीमें बैठी किसी महिलाको गेमके हीरोद्वारा केवल मारनेसे अल्प पॉइंट्स मिलते हैं; परन्तु नीचे गिरी उस महिलाको लातों-मुक्कोंसे कुचल देनेपर उसे अधिक पॉइंट्स मिलते हैं । ये पॉइंट्स गेमके हीरोको नहीं, अपितु गेम खेलनेवाले तथा स्वयंको हीरो समझकर खेलनेवाले बच्चेको मिलते हैं !
२. शासकीय तन्त्र नष्ट करना सिखानेवाला खेल !
इस खेलका एक उद्देश्य होता है, शासकीय तन्त्र नष्ट करनेका करना, तथा अधिकाधिक क्रूरतापूर्वक आचरण, इन गेम्सका अन्तिम ध्येय होता है । साधारण गाडीको उडाए जानेपर अल्प (कम) पॉइंट्स । फायर बिग्रेडकी गाडी उडानेपर अधिक पॉइंट्स । एम्बुलेंसको ढूंढकर उसे उडानेपर खेलनेवाले बच्चेको मूल्यवान शस्त्र मिलता है ।
आ. ‘टेरर गेम्स’के दुष्परिणाम
विध्वंसक गेम्स खेलनेवाले बच्चों के विषयमें अमेरिका तथा यूरोपीय देशोंमें विपुल शोध हुआ है । उस शोधमें यह खेल खेलनेवाले बच्चोंपर आगे दिए कुछ दुष्परिणाम पाए गए हैं ।
१. शारीरिक दुष्परिणाम
अ. विध्वंसक गेम्स खेलनेवाले बच्चोंमें उदरशूल (पेटदर्द) जैसी व्याधियां होनेकी सम्भावना अधिक मात्रामें होती है ।
आ. कोई व्यसनी मनुष्य जब व्यसन करता है, उस समय उसके मस्तिष्कमें ‘डोपामिन’ नामक रसायन बनता है एवं उसके कारण वह उत्तेजित होता है । विध्वंसक गेम्स खेलनेवाले बच्चोंके मस्तिष्कमें भी यही रसायन पाया गया है ।
२. मानसिक दुष्परिणाम
अ. विध्वंसक गेम्स खेलनेवाले बच्चे गेमके समाप्त होनेपर अगले २४ घण्टोंतक भी विध्वंसक आचरण करते हैं ।
आ. विध्वंसक गेम्स खेलनेवाले बच्चोंमेें बुरे स्वप्न आकर भयसे कांपते हुए जागनेकी सम्भावना अधिक होती है ।
इ. राक्षसी मानसिकता बनने हेतु पोषक खेल : ‘विध्वंसक गेम्स खेलनेवाले बच्चोंकी मानसिकता राक्षस जैसी क्यों बनती है, यह आगे दिए सूत्रोंसे ध्यानमें आएगा ।
- बिना किसी उद्देश्यसे निरपराध लोगोंको मारनेके लिए आवश्यक निर्मम (संवेदनाहीन) मानसिकता उत्पन्न होती है ।
- दूसरेको वेदना देनेमें कुछ भी नहीं लगता । वेदनाकी चीखें सुनना सामान्यसी बात बन जाती है ।
- रक्त देखनेकी आदत हो जाती है ।
- ये गेम्स बच्चों के मन तथा विचारशक्तिको ही ‘करप्ट’ (भ्रष्ट) करनेके हैं । ये गेम्स बच्चोंको जो अच्छा चल रहा है, उसे
नष्ट करनेको सिखा रहे हैं । जहां आनन्द होगा, वहां दुःख उत्पन्न करनेको कर रहे हैं ।
३. सामाजिक दुष्परिणाम
‘ये गेम्स अर्थात अपराधी बननेकी जनमघुट्टी पिलानेवाली पाठशालाएं क्यों हैं, यह आगेके सूत्रोंसे ध्यानमें आएगा ।
अ. नियोजनबद्ध अपराध (गुनाह) करनेका अभ्यास होता है ।
आ. पुलिससे छिपनेकी पद्धतियां सीख पाते हैं ।
३. सभी वीडियो गेम्सके कारण होनेवाली हानियां
बच्चो, किसी गेममें जीतनेपर खेलनेवाला क्षणिक सुख पाता है; परन्तु उसे उस गेमका शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकासकी दृष्टिसे कोई भी लाभ नहीं होता है, अपितु आगे दी हानियां ही होती हैं ।
अ. ये खेल केवल २५-३० मिनट ही नहीं, अपितु घण्टोंतक खेलनेकी इच्छा होती है । इससे समयका बहुत अपव्यय होता है, तथा पढाईकी हानि होती है ।
आ. इन खेलों के कारण आंखोंपर तनाव आना, पीठमें वेदना, मस्तिष्कशूल आदि कष्ट हो सकते हैं ।
इ. इन खेलों के कारण मानसिक दुर्बलता होनेकी सम्भावना होती है ।
ई. इन खेलों से कष्टदायक (रज-तमयुक्त) स्पन्दनोंका मन तथा बुद्धि पर भी अनिष्ट परिणाम होता है ।
उ. भविष्यमें ये खेल खेलनेका व्यसन लगनेकी सम्भावना होती है ।
४. वीडियो गेम्स की आदत छुडाने के लिए क्या करें ?
वीडियो गेम्स खेलनेवाले बच्चो, इन गेम्स के कारण होनेवाली हानियोंको आपने समझ लिया । अब यह आदत आप छोडेंगे न ?… तो इसलिए निम्नांकित कृत्य करें ।
अ. गेम्स खेलना छोड देना, अन्य कोई भी अनिष्ट संस्कार हटाने जैसा ही कठिन है । इससे अनिष्ट संस्कार हटाते समय होनेवाला मनका संघर्ष गेम्स खेलना छोडते समय भी होगा, यह ध्यान रखें । इसलिए मनकी तैयारी रखें ।
आ. सचल दूरभाष यन्त्र (मोबाइल), संगणक, दृश्यश्रव्य-चक्रिकाएं (वीसीडी) आदि से गेम्स मिटा दें (डिलीट करें) ।
इ. मित्रोंसे गेम्स न मांगें अथवा मित्रद्वारा दिए जा रहे गेम्स न स्वीकारें ।
ई. ‘मैं आगेसे वीडियोे गेम्स नहीं खेलूंगा’, ऐसा घरवालोंको भी बताएं ।
उ. घरका संगणक ऐसे स्थानपर रखें कि उस संगणकका दृश्यपटल (मॉनिटर) घरके सभी सदस्योंको सहजतासे दिखाई पडे ।
ऊ. मैदानमें खेलनेके लिए जाएं । वहां कबड्डी, खोखो जैसे देशी सांघिक खेल खेलें । सांघिक खेल खेलनेसे अकेलापन चला जाएगा, साथ ही मनका उत्साह भी बढेगा ।
संदर्भ : सनातन-निर्मित ग्रंथ ‘टीवी, मोबाइल एवं इंटरनेट की हानिसे बचें और लाभ उठाएं !’