सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके ।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते ।।
अर्थ : जो सब मंगलकार्यों में मांगल्यस्वरूप हैं, जो सबका कल्याण करनेवाले शिव समान हैैं, जिन्हें त्र्यंबके, गौरी और नारायणी नामों से संबोधित किया जाता है, उस (दुर्गादेवी) को मैं नमस्कार करता हूं ।