जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महद्युतिम् ।
तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम् ॥
– नवग्रहस्तोत्र
अर्थ : जपाकुसुम (गुडहल) फूल की लालिमासमान जिनकी कांति है, ऐसे कश्यप पुत्र, अत्यंत तेजस्वी, अंधकार और सब पापों के नाशकर्ता भगवान सूर्य को मैं नमस्कार करता हूं ।