भास्कराय विद्महे ।
महद्द्युतिकराय धीमहि ।
तन्नो आदित्य प्रचोदयात ॥
अर्थ : तेज के आगर सूर्य को हम जानते हैं । अत्यंत तेजस्वी और सबको प्रकाशित करनेवाले सूर्य का हम ध्यान करते हैं । ऐसे आदित्य भगवान हमारी बुद्धि को सत्प्रेरणा दें ।
भास्कराय विद्महे ।
महद्द्युतिकराय धीमहि ।
तन्नो आदित्य प्रचोदयात ॥
अर्थ : तेज के आगर सूर्य को हम जानते हैं । अत्यंत तेजस्वी और सबको प्रकाशित करनेवाले सूर्य का हम ध्यान करते हैं । ऐसे आदित्य भगवान हमारी बुद्धि को सत्प्रेरणा दें ।