ज्योत से ज्योत जगाओ ।
सद्गुरु ज्योत से ज्योत जगाओ ।
मेरा अंतर्-तिमिर मिटाओ ।
सद्गुरु ज्योत से ज्योत जगाओ ॥ धृ० ॥
हे योगेश्वर, हे ज्ञानेश्वर,
हे सर्वेश्वर, हे परमेश्वर ।
निज कृपा बरसाओ ।
सद्गुरु ज्योत से ज्योत जगाओ ॥ १ ॥
हम बालक तेरे द्वार पे आये ।
मंगल दरस दिखाओ ।
सद्गुरु ज्योत से ज्योत जगाओ ॥ २ ॥
शीश झुकाय करें तेरी आरती ।
प्रेेम सुधा बरसाओ ।
सद्गुरु ज्योत से ज्योत जगाओ ॥ ३ ॥
अंतर् में युग-युग से सोई ।
चित्शक्ति को जगाओ ।
सद्गुरु ज्योत से ज्योत जगाओ ॥ ४ ॥
साची ज्योत जगे हृदय में ।
सोऽहं नाद जगाओ ।
सद्गुरु ज्योत से ज्योत जगाओ ॥ ५ ॥
जीवन मुक्तानंद अविनाशी ।
चरणन शरण लगाओ ।
सद्गुरु ज्योत से ज्योत जगाओ ॥ ६ ॥
– स्वामी मुक्तानंद