१ अ. हिन्दू युवतियो, क्या आपको ‘अनेक’निष्ठ पति चलेगा ? : जिहादी युवकोंको एक साथ ४ महिलाओंसे विवाह करनेकी अनुमति इस्लाम देता है । अतः हिन्दू युवतियोंसे वे एकनिष्ठ रहेंगे, इसकी निश्चिति देना असंभव है । जिहादी युवकोंने २-३ विवाह होकर भी हिन्दू युवतियोंको ‘मैं अविवाहित हूं’, ऐसा बताकर ठगनेकी सैकडों घटनाएं हुई हैं । जिहादी हिन्दू युवतियोंको एक उपभोग्य वस्तु समझते हैं, इसलिए वे उनकी प्रेमभावनाओंका यत्किंचित भी विचार नहीं करते ।
१ आ. शीलसे अधिक मूल्यवान कोई वस्तु नहीं, यह सदा ध्हृाानमें रखें ! : जिहादीयोंद्वारा एक बार शील भ्रष्ट हुआ, तो वह पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता एवं स्त्रीके जीवनमें शीलसे अधिक मूल्यवान वस्तु कोई नहीं । अपने शीलकी रक्षा करनेके लिए अपना संपूर्ण शरीर अग्निकी भेंट चढानेवाली राजपूत स्त्रियां हमारी आदर्श हैं ।
१ इ. धर्म-परिवर्तनसे होनेवाली हानि ध्यानमें रखें ! : ‘स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः ।’ श्रीमद्भगवद्गीताके इस वचनके अनुसार ‘स्वधर्म ही श्रेष्ठ है । परधर्ममें जाना, अत्यंत भयानक (नरकसमान) होता है ।’ हिन्दू परिवारमें जन्म लेकर इस्लाम धर्ममें जानेवाली युवतियोंके मनपर हिन्दू धर्मका संस्कार होता है । इसलिए उन्हें इस्लाम धर्मानुसार आचरण करना अत्यंत कठिन होता है ।
१ ई. हिन्दू धर्मकी श्रेष्ठता ध्यानमें रखें ! : विश्वमें हिन्दू धर्म महान है एवं यह ईश्वरप्राप्ति करवानेवाला एकमात्र धर्म है । तात्कालिक सुख पानेके लोभमें पडकर परधर्ममें जाना, अपने पारलौकिक जीवनकी अधोगतिका अंत करने समान है ।
१ उ. धर्मद्रोहका पाप अपने माथेपर न लें ! : धर्मको समाप्त करनेका स्वप्न देखनेवालोंका साथ देना धर्मद्रोह है तथा इस द्रोहका पाप भोगना ही पडता है ।
१ ऊ. हिन्दू युवतियो, सबला बनो ! : जिहादीयोंके बलप्रयोग करनेपर अनेक हिन्दू युवतियां ‘लव जिहाद’की बलि चढती हैं । स्वा. सावरकरने ‘मेरा मृत्युपत्र’में अपनी भाभीको लिखे पत्रमें कहा था, ‘भारतीय नारीका बलतेज अभी समाप्त नहीं हुआ है । वह निश्चित ही जागृत होगा ।’
स्वा. सावरकरको अपेक्षित बल एवं तेज जागृत करनेके लिए हिन्दू युवतियो, सबला बनो !
हिन्दू युवतियो, क्या आपको यह अपेक्षित है ?
१. विवाह होनेपर जिहादी पति बुरका पहननेकी सख्ती कर सकता है । पाककी भतपूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो लंडनमें जीन्स पहनती थीं । विवाहके उपरांत उन्हें मुखपर बुरखा ही डालना पडा ।
२. हिन्दू पति परिवार-नियोजनको मानते हैं; परंतु जिहादी पति आपको बच्चे जन्मनेका यंत्र समझते हैं ।
३. हिंदुओंके लिए दो पत्नी रखना प्रतिबंधित है । इस्लाममें यदि चार विवाह किए हों और पांचवां विवाह करना हो, चारोंमेंसे किसी भी एकसे विवाहको तोड (तलाक) दिया जाता है ।
४. हिन्दू स्त्रीका विवाह टूटनेपर उसे जीवननिर्वाह हेतु राशि मिलती है; परंतु जिहादीके तलाक देनेपर पत्नीको एक कौडी नहीं मिलती ।
संदर्भ : हिन्दू जनजागृति समिति पुरस्कृत ग्रंथ ‘लव जिहाद’