Menu Close

आचारधर्म

केशकी आवश्यक देखभाल

केश के संबंध में ऐसे अहितकर कृत्य टालकर टूटे हुए केश दो दिन पश्चात घर से बाहर करना, रासायनिक केशनिखार से (शैंपू से) केश न धोकर आयुर्वेदिक घटकों की सहायता से अथवा आयुर्वेदिक साबुन से केश धोने जैसे उचित कृत्यों के विषय में मार्गदर्शन इस लेख में आपको मिलेगा ।

भोजन के संदर्भ आचार

भोजन के समय के आचारों का (उदा. दाहिने हाथ से भोजन, कांटे-चम्मच की अपेक्षा हाथ से भोजन, दाल-चावल से भोजन प्रारंभ करना, अंत में थाली में कुछ भी न छोडना) तथा भोजनोपरांत के आचारों का (उदा. सौंफ अथवा पान खाना, दोपहर में वामकुक्षी (बार्इं करवट) करना) अध्यात्मशास्त्रीय आधार इत्यादि का विवेचन किया है ।

आहार

सात्त्विक आहार का (खाद्य पदार्थ का) सेवन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है तथा असात्त्विक आहार का सेवन करने से स्वास्थ्य की हानि होती है । सात्त्विक भारतीय पदार्थों का सेवन मानसिक स्वास्थ्य को उत्तम बनाए रखने में भी सहायक होता है ।

रसोई के आचार

हिंदू संस्कृति कहती है, ‘आहारकी सामग्री सात्त्विक होनेके साथ ही उसे बनानेकी पद्धति भी सात्त्विक होनी चाहिए ।’ ये लेखमाला मुख्यतः इसका मार्गदर्शन करती हैं कि विविध खाद्यपदार्थ कैसे बनाएं, खाद्यपदार्थ बनानेकी विधियां बताती हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *