एकादशी यह भगवान श्रीविष्णुजीकी तिथि है ।एकादशी व्रत करनेसे, कार्यक्षमतामें वृद्धि होना, आयुवृद्धि होना एवं आध्यात्मिक उन्नति शीघ्र होनेमें सहायता मिलना ।
आषाढ एकादशी कहते ही आंखोंके सामने उभर आता है पंढरपुरकी यात्राका दृश्य ! पंढरपुरकी वारीकी कथा, वारकरी संप्रदायकी रचना एवं गठनमें संतोंका योगदान इसके बारेमें हम जानेंगे |
श्री विठ्ठलकी प्रतिमाकी विशेषताएं को सभी भक्तिमार्गी संतोंने इनकी महिमाका वर्णन किया है । आषाढ एकादशी व्रतका जो भी पालन करते हैं, वे श्रद्धाभावसे यह व्रत कर पाएं तथा हम सब करुणाकर श्री विठ्ठलके कृपापात्र बन पाएं ।