अंदमान – समस्त देशभक्तोंका स्फूर्तिस्थल !
अंदमान ! समस्त देशभक्तोंका स्फूर्तिस्थल ! यह वही भूमि है, जहां स्वतंत्रतापूर्व की अवधि में स्वतंत्रतावीर सावरकर के साथ अनेक स्वतंत्रता सैनिकोंने भारतमाता की मुक्ति हेतु अनेक मरणप्राय यातनाएं हंसते हंसते सहन कीं !
अतएव अंदमान के इस सेल्यूलर कारागृह की ओर देखने से ही देशप्रेम जागृत होता है ! उन्होंने देश के लिए जो यातनाएं सहन कीं, उनका स्मरण होता है।
उन्हीं स्वतंत्रता वीरोंकी, स्मृति जागृत करनेवाली अंदमान की एक चित्ररूप झलक . . .
साथ ही यह बात भी स्पष्ट होती है कि आज ‘आजादी’ की घोषणा कर देश के साथ गद्दारी करनेवाले, स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु लडनेवाले ऐसे स्वतंत्रता वीरोंकी तुलना में कितने छोटे हैं !
१९०६ में एक साथ, सात सौ कैदी रख सकें, इतने बडे कारागार का निर्माण किया गया था। सात विभागवाले इस तीन तल्लेवाले कारागृह का भवन छत से देखने पर साइकिल के पहिए की तरह दिखाई देता है। भारतीय स्वतंत्रता वीरोंको अंग्रेज यहां पर अत्यंत अमानुष कष्ट दिया करते थे। इसलिए इस सजा को ‘काले पानी की सजा’ कहा जाता था !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात