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Signature Petition : भारतविरोधी फारुख अब्‍दुल्ला का सांसद पद निरस्‍त कर उन पर देशद्रोह का अपराध प्रविष्‍ट करें !

जम्‍मू-कश्‍मीर के भूतपूर्व मुख्‍यमंत्री और (एंटी) ‘नेशनल कॉन्‍फरेन्‍स’ के अध्‍यक्ष फारुख अब्‍दुल्ला ने पुनः एक बार भारतविरोधी विषविमन कर शत्रुराष्‍ट्र की प्रशंसा की है । ‘कश्‍मीरी स्‍वयं को भारतीय नहीं मानते और वे भारतीय बनने के इच्‍छुक नहीं है, अपितु उन्‍हें लगता है कि चीन उन पर शासन करे’, ऐसा भारतद्वेषी विधान लोकसभा के सांसद फारुख अब्‍दुल्ला ने ‘द वायर’ नामक समाचार जालस्‍थल को दी हुई भेंटवार्ता में किया । इससे पूर्व भी अब्‍दुल्ला ने पाक तथा आतंकवादियों के समर्थन में विधान कर कश्‍मीरी मुसलमानों को भारत के विरुद्ध भडकाने के प्रयास किए थे । धारा ३७० निरस्‍त होने के पश्‍चात जम्‍मू-कश्‍मीर को भारत के प्रमुख प्रवाह से जोडने की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है; परंतु अब्‍दुल्ला के विषैले वक्‍तव्‍य के कारण अलगाववाद को गति मिल रही है । उनके वक्‍तव्‍य शत्रुराष्‍ट्र के हस्‍तकों के समान ही हैं । वर्तमान में भारत के चीन के साथ तनावपूर्ण संबंध हैं । देश की अखंडता बनाए रखने के लिए देशद्रोही विधान करनेवालों पर कठोर कार्रवाई होना आवश्‍यक है ।

देशभक्‍त एवं धर्मप्रेमी हिन्‍दू इस ऑनलाईन याचिका (पेटिशन) द्वारा केंद्र शासन से ये मांग करे !

देशभक्‍त एवं धर्मप्रेमी हिन्‍दुओं से निवेदन है कि, कृपया नीचे दिए गए ‘Send Email’ इस बटन पर क्लिक कर इस मांग को इ-मेल द्वारा गृहमंत्रालय को भेजें ! साथ ही इस इ-मेल की प्रतिलिपि (Copy) हमें [email protected] इस पते पर इ-मेल करें ! 
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फारुख अब्‍दुल्ला का इससे पूर्व ध्‍यान में आया हुआ भारतद्वेषी चेहरा !

१. धारा ३७० निरस्‍त करने के निर्णय का विरोध करते हुए फारुख अब्‍दुल्ला ने ‘कश्‍मीरी लोग उन्‍हें भारत का हिस्‍सा नहीं मानते’, ऐसा वक्‍तव्‍य कर क्रोध से पैर पटके थे ।

२. ‘पाकव्‍याप्‍त कश्‍मीर हिन्‍दुस्‍थान के बाप का नहीं है’, ऐसा वक्‍तव्‍य किया था । इससे पूर्व भी आतंकवादियों की वकीली करते हुए तथा उन्‍हें हुतात्‍मा सिद्ध करने का प्रयत्न करते हुए कहा था कि वे स्‍वतंत्रता के लिए बलिदान दे रहे हैं ।

३. वर्ष २०१७ में उन्‍होंने श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराकर दिखाने की केंद्र सरकार का चुनौती दी थी ।

४. २८ मार्च २०१९ को वे बोले थे कि, पुलवामा में हुए आतंकवादी आक्रमण में भारतीय सेना के ४० जवानों की मृत्‍यु होने के संबंध में मुझे संदेह है !

५. १० जनवरी २०१९ को वे बोले थे कि, कश्‍मीरियों को न्‍याय नहीं मिलता, तब तक कश्‍मीर जलता रहेगा । भारत भी इस आग में जल जाएगा । हम अकेले नहीं जलेंगे । हम तो डूब ही गए हैं, आपको भी ले डूबेंगे !

६. ९ सितंबर २०१८ वे बोले थे कि, सुरक्षा तंत्रों के माध्‍यम से कश्‍मीर में द्वेष फैलाया जा रहा है !

इस पृष्‍ठभूमि पर हम निम्‍नांकित मांगें कर रहे हैं

अ. फारुख अब्‍दुल्ला का सांसद पद त्‍वरित निरस्‍त करें !

आ. फारुख अब्‍दुल्ला पर त्‍वरित देशद्रोह का अपराध प्रविष्‍ट कर उन पर कठोर कार्रवाई की जाए ।

इ. फारुख अब्‍दुल्ला द्वारा उनके शासन काल में लिए गए सभी निर्णयों की पुनः जांच की जाए ।


‘कश्मीरी स्वयं को भारतीय नहीं मानते, उन्हें चीन का शासन चाहिए’ – फारुख अब्दुल्ला के भारतद्वेषी बोल

  • राष्ट्र को अखंड रखने के लिए सरकार ऐसे अलगाववादी धर्मांधों को देश से तत्काल निष्कासित करे ! भारत सरकार को उन्हें बताना चाहिए कि, कश्मीर भारत का अविभाज्य भाग है और आगे भी रहेगा, यह उन्हें सदैव ध्यान में रखना चाहिए तथा उसके विरुद्ध कृत्य करने का प्रयत्न करने पर उन्हें उसके परिणाम भुगतने पडेंगे !
  • हिन्दुओं ने ‘हिन्दू राष्ट्र’ का उद्घोष करने पर ‘लोकतंत्र संकट में’, ऐसा चिल्लानेवाले कांग्रेसी, वामपंथी, धर्मांध, आधुनिकतावादी आदि को जब अब्दुल्ला कश्मीर चीन को देने की बात करते हैं, तब ‘लोकतंत्र संकट में’ नहीं लगता, यह ध्यान में रखें !

श्रीनगर – कश्मीरी नागरिक स्वयं को भारतीय नहीं मानते और वे भारतीय बनना भी नहीं चाहते । उन्हें लगता है कि उन पर चीन शासन करे, ऐसा दावा नेशनल कॉन्फरेन्स के नेता और राज्य के भूतपूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला ने ‘द वायर’ नामक जालस्थल पर दी गई भेंटवार्ता में किया है ।

फारुख अब्दुल्ला आगे बोले कि, कश्मीरी जनता जानती है कि चीन ने मुसलमानों के साथ क्या किया है । तब भी उन्हें लगता है कि चीन भारत में आए । मैं इस पर गंभीर नहीं हूं; परंतु मैं प्रामाणिकता से कह रहा हूं, जो लोगों को सुनने में अच्छा नहीं लगेगा ।

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