कार्तिक कृष्ण पक्ष द्वादशी, कलियुग वर्ष ५११६
नर्इ देहली – दिल्ली की द्वारका कोर्ट ने साल 2010 के सनसनीखेज धौला कुआं अपहरण और सामूहिक बलात्कार मामले में दोषी ठहराए गए सभी पांचों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी।
इससे पहले १७ अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने यह कहते हुए दोषियों को आजीवन कारावास की सजा देने की मांग की कि उन्होंने 30 वर्षीय पीड़िता की मानसिक स्थिति पर एक बड़ा आघात पहुंचाया है।
सजा पर दलीलों के दौरान पुलिस ने अदालत से कहा कि दोषियों के मन में कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है और समूची घटना ने समाज में पीड़िता की गरिमा को कम किया है।
अदालत ने पुलिस की दलीलों और पांच दोषियों की तरफ से उपस्थित वकील की दलीलों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रखा था। अदालत ने कहा, दलीलों को सुना। सजा पर आदेश को 20 अक्तूबर के लिए सुरक्षित रखा जाता है।
१४ अक्तूबर को उस्मान उर्फ काले, शमशाद उर्फ खुटकन, शाहिद उर्फ छोटा बिल्ली, इकबाल उर्फ बड़ा बिल्ली और कमरूद्दीन उर्फ मोबाइल को आईपीसी की धारा 365 (अपहरण), धारा ३४ (सामान्य मंशा), धारा 376 (2) (जी) (सामूहिक बलात्कार) और धारा 34 के साथ धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था। सभी दोषी हरियाणा के मेवात क्षेत्र के रहने वाले हैं।
सुनवाई के दौरान दोषियों के वकील ने दोषियों की खराब वित्तीय पृष्ठभूमि और अपने-अपने परिवारों के प्रति अन्य जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए नरमी बरतने की गुहार लगाई थी। शुरुआत में अदालत ने बचाव पक्ष के वकीलों से पूछा, आप नरम रवैये के लिए कह रहे हैं। क्या 10 साल से कम की सजा हो सकती है, जो इस तरह के अपराध के लिए न्यूनतम सजा है।
सामूहिक बलात्कार के अपराध के लिए अधिकतम आजीवन कारावास और न्यूनतम 10 साल के सश्रम कारावास की सजा का प्रावधान है। आदेश सुरक्षित रखे जाने के बाद पांचों दोषियों के परिवार के सदस्य अदालत कक्ष के द्वार पर खड़े सुरक्षाकर्मियों को हटाकर न्यायाधीश के मंच के निकट आ गए और मांग की कि उनकी गुहार सुनी जाए।
कमरूददीन की रिश्तेदार सकीना बेगम ने न्यायाधीश से कहा, हम चाहते हैं कि अदालत हमारे बच्चों को माफ कर दे। उनके काफी छोटे बच्चे हैं और परिवार में कमाने वाला कोई अन्य सदस्य नहीं है। हमारे परिवार बर्बाद हो जाएंगे।
इस पर न्यायाधीश ने कहा, आपकी दलीलें सुनी गई हैं। मैं इस पर गौर करूंगा।
स्त्रोत : लाइव्ह हिंदुस्थान
अद्ययावत
१६ अक्टूबर २०१४ कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
नई दिल्ली – २०१० धौलाकुंआ गैंगरेप में ५ धर्मांध आरोपी दोषी करार
धिमी गतीसे चलनेवाली भारतीय न्याययंत्रणा !
नई दिल्ली – दिल्ली की एक अदालत ने धौलाकुंआ में २०१० में हुए सामूहिक दुष्कर्म के एक मामले में मंगलवार को पांच व्यक्तियों को दोषी करार दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट ने शमशाद उर्फ खुटकन, उस्मान उर्फ काले, शाहिद उर्फ छोटा बिल्ली, इकबाल उर्फ बड़ा बिल्ली और कमरूद्दीन को काल सेंटर की एक ३० वर्षीय महिला अधिकारी का दक्षिणी दिल्ली में अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने का दोषी पाया। पांचों दोषियों को १७ अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी।
मामले पर एक नजर
गौरतलब है कि पांच ने नोर्थईस्ट से संबंध रखने वाली कॉलसेंटर कर्मी का २४ नवंबर, २०१० को उस समय अपहरण कर लिया, जब वह ऑफिस से एक दोस्त के साथ घर लौट रही थी। अपहरण के बाद अपहरणकर्ता उसे मंगोलपुरी ले गए, जहां उसके साथ गैंगरेप किया गया और उसके बाद एक सुनसान सड़क पर छोड़ दिया। बाद में पांचों को हरियाणा के मेवात से गिरफ्तार कर लिया गया। पांचों ने अपने को बेगुनाह बताया और कहा कि उन्हें मामले में गलत फंसाया जा रहा है।
स्त्रोत : पत्रिका