‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना में आनेवाली बाधाएं दूर करने हेतु, साथ ही परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का आरोग्य हेतु श्री गणेश चरणों में प्रार्थना
पेण, रायगड के गणपति मंदिर में प्रवचन
पेण : यहां के रामवाडी गांव के श्री गणपति मंदिर में सनातन संस्था की ओर से परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘साधना एवं ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना की आवश्यकता’ इस विषय पर श्री. मनीष माळी ने प्रवचन किया। धर्माभिमानी महिलाओं ने प्रवचन का लाभ उठाया। अंत में सभी धर्माभिमानियों ने ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना में आनेवाली बाधाएं दूर करने हेतु, साथ ही परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के आरोग्य हेतु श्री गणेश के चरणों में सामूहिक प्रार्थना की।
क्षणिकाएं
१. धर्मामिमानियों ने सप्ताह में एक बार सामूहिक रीति से प्रार्थना करने का निश्चय किया।
२. जिज्ञासुओं ने समिति के धर्मशिक्षण वर्ग में उपस्थित रहने की सिद्धता भी व्यक्त की।
वशेणी (जिला रायगड) में एक वास्तुशांति के कार्यक्रम में मार्गदर्शन
वशेणी (तहसिल उरण) : यहां धर्मशिक्षण वर्ग में उपस्थित रहनेवाले धर्माभिमानी श्री. यशवंत राधेश्याम ठाकुर के घर में वास्तुशांति का कार्यक्रम था । उस समय हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘साधना एवं हिन्दू राष्ट्र’ इस विषय पर मार्गदर्शन आयोजित किया गया था। ३० धर्माभिमानियों ने इस मार्गदर्शन का लाभ उठाया।
‘हिन्दू राष्ट्र’ निर्मिति के अंतर्गत धर्मशिक्षण का महत्त्व !
‘धर्मशिक्षण के कारण ‘कृति’ अर्थात साधना होगी, साधना के कारण अनुभूति प्राप्त होगी, अनुभूति से श्रद्धा बढेगी, श्रद्धा से अभिमान वृद्धिंगत होगा, अभिमान से संघटन बढेगा, संघटन के कारण सुरक्षा होगी तथा उसी से ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ निर्मिति एवं उसका पोषण होगा !’
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
चिखली (जिला पुणे) में महिलाओं के लिए ‘साधना एवं हिन्दू राष्ट्र’ इस विषय पर मार्गदर्शन
चिखली : पिंपरी-चिंचवड के चिखली गांव के महिला मंडल के लिए ‘साधना एवं हिन्दू राष्ट्र’ इस विषय पर हिन्दू जनजागृति समिति की श्रीमती विद्या सादुल ने मार्गदर्शन किया। ३५ महिलाओं ने इस मार्गदर्शन का लाभ उठाया। इस समय ‘अक्षय्य तृतीया’ के आध्यात्मिक महत्त्व के संदर्भ में भी जानकारी दी गई।
- यदि धर्म के संदर्भ की जानकारी इसी प्रकार से प्राप्त होगी, तो हमें भी उसका लाभ होगा !
- महिलाओं का उत्स्फूर्त अभिप्राय
मार्गदर्शन के पश्चात कुछ महिलाओं ने बडी आस्था से उत्स्फूर्त अभिप्राय दिया कि, आप के द्वारा बताया गया विषय अच्छा है। त्योहार के संदर्भ में आप के द्वारा बताई गई जानकारी हमें अत्यंत अच्छी प्रतीत हुई। यदि ऐसी जानकारी निरंतर प्राप्त होगी, तो हमें भी उसका लाभ प्राप्त होगा !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात