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परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने साधकों की शीघ्र गति से आध्यात्मिक उन्नति हों, इसलिए ‘गुरुकृपायोग’ बताया है ! – कु. सविता खेराडकर

‘गुरुकृपायोगा’नुसार साधना करने से सनातन के, मार्च २०१७ तक ७१ साधक संतपद पर विराजमान हुए हैं तथा १ सहस्त्र १४ से अधिक साधक संतत्व की ओर मार्गक्रमण कर रहे हैं। किसी आध्यात्मिक संस्था में इतनी अधिक मात्रा में साधकों ने आध्यात्मिक उन्नति करना, यह कलियुग में एकमेवाद्वितीय घटना है !’

तासगांव (जिला सांगली) : येळावी (जिला सांगली) के नृसिंह देवस्थान में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत ‘परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का एकमेवाद्वितीय कार्य’, इस विषय पर हिन्दू जनजागृति समिति की कु. सविता खेराडकर ने संबोधित किया। उस समय उन्होंने ऐसा मार्गदर्शन किया कि, साधकों की शीघ्र गति से आध्यात्मिक उन्नति होने के लिए ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने ‘गुरुकृपायोग’ बताया है !

‘गुरुकृपायोगा’नुसार साधना करने से सनातन के, मार्च २०१७ तक ७१ साधक संतपद पर विराजमान हुए हैं तथा १ सहस्त्र १४ से अधिक साधक संतत्व की ओर मार्गक्रमण कर रहे हैं। किसी आध्यात्मिक संस्था में इतनी अधिक मात्रा में साधकों ने आध्यात्मिक उन्नति करना, यह कलियुग में एकमेवाद्वितीय घटना है !’

नागांव (जिला सांगली) में भी किया मार्गदर्शन

नागांव (जिला सांगली) : नागांव में हिन्दू धर्माभिमानी श्री. कोळेकर के निवासस्थान पर आयोजित किए गए मार्गदर्शन में कु. सविता खेराडकर ने बताया कि, ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना की प्रेरणा के अंतर्गत वर्ष २००२ में हिन्दू जनजागृति समिति की स्थापना हुई।

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन के कारण हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १४ राज्यों में ५०० से अधिक निःशुल्क धर्मशिक्षणवर्ग, दूरचित्रप्रणालों के लिए ‘धर्मसत्संग’, बालसंस्कारवर्ग, प्रबोधनपत्रकें आदिद्वारा हिन्दू धर्म का प्रसार किया जा रहा है। समितिद्वारा १३ राज्यों में आयोजित किए गए १ सहस्त्र २५० से अधिक हिन्दू धर्मजागृति सभाओं में १६ लक्ष से भी अधिक हिन्दुओं में जागृति हुई है। उनमें से ३ सहस्त्रों से भी अधिक धर्मप्रेमी ‘हिन्दू राष्ट्र-स्थापना’ हेतु सक्रिय हुए हैं !’ इस मार्गदर्शन का १५ हिन्दू धर्माभिमानियों ने लाभ ऊठाया।

दोंनों स्थानों पर उन्होंने ‘साधना तथा हिन्दू राष्ट्र स्थापना की आवश्यकता’ इस विषय पर भी मार्गदर्शन किया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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