परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ !
जयसिंगपुर : सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आरंभ किए गए ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत जयसिंगपुर की मुक्त सैनिक वसाहत में १ मई को स्वच्छता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर श्री गणेश आध्यात्मिक ट्रस्ट के श्री गणेश मंदिर एवं सामने स्थित दो मंदिरों की स्वच्छता की गई। प्रथम श्री गणेश को प्रार्थना की गई। ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम्’ ऐसा जयघोष कर स्वच्छता को आरंभ किया गया।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. अण्णासाहेब वरेकर ने मंदिर स्वच्छता अभियान का उद्देश्य तथा परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने के संदर्भ में किया गया कार्य एवं विशेषताएं बताईं। श्री गणेश की आरती कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने संकल्प किया गया।
इस अवसर पर श्री गणेश आध्यात्मिक ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री. दत्तात्रय कोळी, उपाध्यक्ष श्री. रामचंद्र गोडसे, सदस्य सर्वश्री शिवाजीराव घाटवडे, श्रीकांत जाधव तथा नारायण काटकर उपस्थित थे।
यह स्वच्छता का संकल्प शाहुनगर के धर्मशिक्षा वर्ग में आनेवाले धर्माभिमानियों के नेतृत्व में लिया गया। इसमें सर्वश्री परशुराम भोसले, बाळासाहेब भोसले, श्रीमती अक्काताई कुराडे, श्रीमती द्रौपदी शिंगाडे, श्रीमती लक्ष्मीबाई भोसले, श्रीमती सुजाता भोसले तथा कु. अर्पिता भोसले आदि उपस्थित थीं। इस अवसर पर सनातन के साधक श्री. शंकर खुडे भी उपस्थित थे।
क्षणिकाएं
१. संकल्प लेते समय हार-फुलों की व्यवस्था धर्मशिक्षा वर्ग के धर्माभिमानियों ने की थी।
२. श्री गणेश आध्यात्मिक ट्रस्ट की ओर से शरबत की व्यवस्था की गई।
३. परिसर के साप्ताहिक सनातन प्रभात के वर्गणीदार श्री. मांगुरकर एवं श्री. घोरपडे भी उपक्रम में सम्मिलित हुए थे।
४. एक धर्माभिमानी ने कहा कि, ‘मंदिर स्वच्छता के उपरांत परिसर में चैतन्य प्रतीत होने लगा !’
आरती के समय श्री गणेशजी ने दिया कौल !
स्वच्छता अभियान के अवसर पर सभी ने भावपूर्ण प्रार्थना कर श्री गणेश की आरती की। उस समय मूर्ति की दाईं कंधे की ओर से एक फुल निचे गिरा ! अतः श्री गणेश ने कौल दिया ऐसा देख कर सभी भावविभोर हो गएं !
विशेष : अभियान पूरा होने पर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने आप का कार्य अच्छा है, ऐसा कहते हुए उनके यहां भी एक धर्मशिक्षा वर्ग आरंभ करने की मांग की।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात