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मुंबई, कल्याण एवं पुणे में विशाल ‘हिन्दू ऐक्य दिंडी’ (यात्रा) का आयोजन

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ !

मुंबई, कल्याण एवं पुणे में क्रमशः ६ एवं ७ मई को विशाल हिन्दू ऐक्य दिंडी का आयोजन

मुंबई : सनातन संस्था के संस्थापक एवं ‘हिन्दू राष्ट्र-स्थापना’ के प्रेरणास्रोत परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी को १८ मई २०१७ को ७५ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं ! उनके अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में पूरे भारत में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत विविध उपक्रमों का आयोजन किया गया है। उसका ही एक भाग के रूप में मुंबई, कल्याण एवं पुणे में क्रमशः ६ एवं ७ मई को विशाल हिन्दू ऐक्य दिंडी का आयोजन किया गया है। इस दिंडी में शौर्य जागरण करनेवाले मर्दानी खेल, राष्ट्र-धर्म के संदर्भ में उद्बोधक फलक, चित्ररथ तथा बालपथक आदि का समावेश रहेगा !

मुंबई

स्थल – (प्रारंभ) गोल देउळ, कबुतरखाने के पास, दादर पश्चिम से श्री स्वामी नारायण मंदिर तक, दादर (पूर्व) (सांगता)
वार एवं दिनांक – शनिवार, ६ मई २०१७
समय – सायं ५ बजे

कल्याण

स्थल – (प्रारंभ) डीमार्ट मॉल साई चौक, खडकपाडा, कल्याण (पश्चिम) शंकरराव चौक सांगता
वार एवं दिनांक -रविवार, ७ मई २०१७
समय – सायं ५ बजे

पुणे

स्थल – (प्रारंभ) डीमार्ट मॉल, काळेवाडी से छत्रपती शिवाजी महाराज पुतला चौक, पिपंरीगाव (सांगता)
वार एवं दिनांक – रविवार, ७ मई २०१७
समय – सायं ५ बजे ५.३० बजे

इस दिंडी में हिन्दुत्वनिष्ठ, सनातन के हितैषी, सनातन प्रभात के पाठक, विज्ञापनदाता, संप्रदाय, विविध आध्यात्मिक संस्थाओं के साधक एवं सामाजिक संघटनों के कार्यकर्ताओं को सम्मिलित होकर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के प्रति कृतज्ञतापुष्प अर्पण करने का आवाहन किया गया है।

पुणे नगर एवं काळेवाडी में आयोजित ‘विशाल हिन्दू ऐक्य दिंडी’ में सम्मिलित हों ! – श्री. पराग गोखले, हिन्दू जनजागृति समिति

बार्इं ओर से सर्वश्री विजय गावडे, विद्याधर नारगोलकर, पराग गोखले एवं शंभु गवारे

पुणे : सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में पूरे भारत में ‘हिन्दू राष्ट्र’ के संदर्भ में जागृति होने हेतु सामाजिक, राष्ट्रीय एवं धार्मिक क्षेत्र में कार्यरत विविध संघटनोंद्वारा संघटित होकर ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति अभियान’ आरंभ किया गया है। उसके ही एक भाग के रूप में पिंपरी के काळेवाडी एवं पुणे शहर में क्रमशः ७ एवं १४ मई को ‘विशाल हिन्दू ऐक्य दिंडी’ का आयोजन किया गया है। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले ने इस दिंडी में अधिकाधिक हिन्दुओं को सम्मिलित होने का आवाहन किया है। ५ मई को आयोजित पत्रकार परिषद में वे बोल रहे थे।

इस अवसर पर सनातन संस्था के श्री. शंभु गवारे, पुणे सार्वजनिक सभा के अध्यक्ष श्री. विद्याधर नारगोलकर एवं गार्गी फाऊंडेशन के श्री. विजय गावडे उपस्थित थे।

बर्‍हाणपुर (तहसिल बारामती) में ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु ग्रामदेवता श्री भैरवनाथ एवं श्री जोगेश्‍वरीदेवी को संकल्प !

श्री भैरवनाथ एवं श्री जोगेश्‍वरीदेवी को प्रार्थना करते हुए हिन्दू धर्माभिमानी

बर्‍हाणपुर (तहसिल बारामती) : सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में आरंभ किए गए ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत यहां की ग्रामदेवता श्री भैरवनाथ एवं श्री जोगेश्‍वरीदेवी को संकल्प किया गया। ३ मई को संपन्न ग्रामदेवता की यात्रा के अवसर पर यह संकल्प किया गया।

१. प्रातः से ही दोनों देवताओं की षोडशोपचार पूजा, अभिषेक एवं विधि के अनुसार हवन किया गया। तत्पश्चात नारियल एवं पुष्पहार समर्पित किया गया।

२. हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रकाश जाधव ने उपस्थितों को वर्तमान के भयंकर आपात्काल का परिचय करवाया। हाल ही में पडोस के उंचवडी गांव में तुफानी वर्षा होने से वहां के अनेक लोगों की घरों पर के छत उड कर गए थे। इस समय सभी को बताया गया कि इस प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए सभी का आध्यात्मिक सामर्थ्य बढाना चाहिए !

३. ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीद्वारा किए गए ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के संकल्प को देवताओं का आशीर्वाद मिलने, ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित होने, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का महामृत्युयोग टलने एवं उनका प्रकृतिस्वास्थ्य उत्तम रहने के लिए प्रार्थना की गई।

४. श्री. मानसिंह गवली एवं श्रीमती छाया गवली के शुभहाथों पूजा की गई।

५. इस अवसर पर सनातन संस्था के श्री. दयानंद खरात, पुरोहित श्री. संजय गोसावी, धर्माभिमानी सर्वश्री निवृत्ति गवळी, महादेव साळुंखे, सचिन दरेकर तथा श्रीमती रुक्मिणी जाधव के साथ ३५ धर्माभिमानी उपस्थित थे।

क्षणिकाएं

१. साय समय वर्षा की कुछ वर्षा की लहरें आर्इं। इस माध्यम से ग्रामदेवता एवं वरुणदेवता ने कार्य को आशीर्वाद दिया ऐसा सभी को लगा !

२. ग्रामदेवता की यात्रा अवसर पर रात्रि ११ बजे निकाली गई फेरी प्रातः ५ बजे समाप्त हुई। ऐसा प्रथम बार ही हुआ। यह फेरी प्रतिवर्ष रात्रि २ बजे तक समाप्त होती थी !

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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