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मुंबई में जगह जगह पर आयोजित व्याख्यानोंद्वारा बोएं गए ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना के विचार !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत व्याख्यान !

‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना के कार्य में सम्मिलित होने की उपस्थितों की सिद्धता

पवई के श्री दुर्गाप्रिय गणेश मंदिर में व्याख्यान

श्री दुर्गाप्रिय गणेश मंदिर में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से ‘हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’ इस विषय पर सनातन संस्था की प्रवक्ता श्रीमती नयना भगत ने मार्गदर्शन किया। ३५ श्रद्धालुओं ने व्याख्यान का लाभ उठाया। व्याख्यान के पश्चात मंदिर के अध्यक्ष श्री. विलासजी ने बताया कि, ‘हिन्दू जनजागृति समिति तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का कार्य अधिक अच्छा प्रतीत हुआ !’

विक्रोळी के मारुति मंदिर में हर शनिवार के दिन व्याख्यान की अनुमति

यहां के सुप्रसिद्ध हनुमान मंदिर में स्थानीय श्रद्धालुओंद्वारा हर शनिवार के दिन कीर्तन, हनुमान चालिसा पठन तथा मारुति की आरती की जाती है। उस समय श्रीमती नयना भगत ने ‘हिन्दू धर्म की सद्द्य:स्थिति एवं हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया। मार्गदर्शन के पश्चात कीर्तनकार महोदय ने प्रभावित होकर बताया कि, यह मार्गदर्शन सुनने के पश्चात मुझे खेदपूर्वक यह बताने की इच्छा है कि, ‘आज वास्तव में ही हिन्दू समाज मृतवत हुआ है। मृतवत समाज को ऐसे ही प्रभावी विचारों की अत्यंत आवश्यकता है !’ मंदिर में उपस्थित ५० श्रद्धालुओं ने इस व्याख्यान का लाभ ऊठाया।

क्षणिका

मंदिर के व्यवस्थापन ने हर मास के पहले शनिवार को उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए व्याख्यान आयोजित करने की अनुमती दी। साथ ही मंदिर के बाहर प्रसारित की जानेवाली सनातन की ग्रंथ प्रदर्शनी मंदिर के अंदर ही लगाने के लिए बताया।

घाटकोपर में एक निजी शिक्षा वर्ग के अध्यापकों के लिए व्याख्यान का आयोजन

यहां के गुरुकृपा शिक्षा वर्ग के दसवी कक्षा के छात्रों को समिति की ओर से ‘हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में युवा पिढी का योगदान’ इस विषय पर श्रीमती नयना भगत ने मार्गदर्शन किया। अध्यापकों ने स्वयं ही बताया कि, ‘व्याख्यान का विषय अच्छा है !’

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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