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कुलभूषण जाधव की फांसी पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने लगाई ‘रोक’

हेग की अंतरराष्ट्रीय विधि न्यायालय ने पाकिस्तान में भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाने को कहा है। जाधव को पाकिस्तान में जासूसी और विध्वसंक गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है। भारत ने जाधव को फांसी के खिलाफ अंतराष्ट्रीय न्यायालय में अपील की थी। मंगलवार देर रात मिली खबर के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय विधि न्यायालय ने भारतीय नागरिक जाधव की फांसी की सजा की तामील पर रोक लगा दिया। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्याय न्यायालय (आइसीजे) ने भारत की ओर से यह कहे जाने के बाद कि नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद व्यवसाय कर रहे जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था, उन्हें मिली फांसी की सजा की तामील पर स्थगन लगा दिया है।

पाकिस्तान के फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने पिछले महीने जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। इसे लेकर भारत ने बहुत तीखी प्रतिक्रिया दी और ‘सोच समझ कर की जाने वाली हत्या’ को अंजाम दिए जाने की स्थिति में द्विपक्षीय संबंधों में खटास और परिणाम भुगतने की चेतावनी पाकिस्तान को दी थी।भारत यह स्वीकार करता है कि जाधव ने नौसेना में सेवा दी है, लेकिन इससे इनकार  करता है कि अब उसका सरकार से कोई लेना-देना है। भारत की चेतावनी पर पाकिस्तान ने कहा था: जाधव को दी गई यह सजा देश के खिलाफ ‘साजिश’ करने वालों के लिए चेतावनी की तरह देखी जानी चाहिए। कोर्ट मार्शल में भारतीय नौसेना के 46 वर्षीय पूर्व अधिकारी की मौत की सजा पर पाकिस्तानी सेना भी मुहर लगा चुकी है।

पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा पिछले साल पठानकोट और उड़ी पर किए गए हमलों से पहले ही तनावपूर्ण चल रहे दोनों देशों के रिश्तों में इस कदम से और कड़वाहट आ गई थी। कोर्ट मार्शल की कार्रवाई आम लोगों के लिए बंद थी और जाधव को वाणिज्य दूतावास से संपर्क भी नहीं करने दिया गया। इसमें कहा गया, जासूस पर पाकिस्तान आर्मी एक्ट (पीएए) के तहत फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) के जरिए मुकदमा चला और उसे मौत की सजा सुनाई गई।

पाकिस्तान ने जाधव को पिछले साल तीन मार्च को पाकिस्तानी सुरक्षा एजंसियों ने अशांत बलूचिस्तान प्रांत से ‘गिरफ्तार’ किया था जहां वह कथित तौर पर ईरान के रास्ते दाखिल हुआ था। पाकिस्तान का आरोप था कि जाधव भारतीय नौसेना का ‘सेवारत अधिकारी’ था। जाधव की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तानी सेना ने उसके ‘कबूलनामे का वीडियो’ भी जारी किया था। भारत यह बात मानता है कि जाधव ने नौसेना में काम किया था, लेकिन सरकार के साथ उसके किसी संबंध को खारिज किया है। बहरहाल भारत ने इस्लामाबाद में अपने उच्चायोग के जरिए बार-बार वाणिज्य दूतावास की जाधव तक पहुंच का अनुरोध किया जैसा कि अंतरराष्ट्रीय कानून में प्रावधान है और २५ मार्च २०१६ से ३१ मार्च २०१७ के बीच ऐसे १३ औपचारिक अनुरोध किए गए। लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा इसकी इजाजत नहीं दी गई।

स्त्रोत : जनसत्ता

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