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३२ मण के सुवर्ण सिंहासन में पुरे राष्ट्र का इतिहास, अंतर्भूत है – पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी

श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान आयोजित सातारा की सभा

सातारा : रायगड पर पुनर्स्थापित किए जानेवाले ‘३२ मण सुवर्ण सिंहासन का संकल्प’ इस संदर्भ में सभा संपन्न हुई। सातारा जनपद के धारकरियों के मार्गदर्शन के लिए, साथ ही सुवर्ण सिंहासन की आवश्यकता, उसका इतिहास, सुवर्ण सिंहासन की रक्षा का संकल्प इस सदंर्भ में यहां के न्यू इंग्लिश स्कूल में सभा का आयोजन किया गया था। ५ मई के दिन संपन्न हुई श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थानद्वारा आयोजित सातारा की इस सभा में पू. संभाजीराव भिडेगुरुजी ने २ घंटे तक धारकरियों को मार्गदर्शन किया। अपने मार्गदर्शन में उन्होंने कहा कि, ‘३२९ वर्षों के पश्चात भी हिन्दवी स्वराज्य का सिंहासन पुनर्स्थापित नहीं हुआ है। जैसे राष्ट्र के अस्तित्व के लिए भूदल, नौदल, वायुदल की आवश्यकता है, उससे अधिक आवश्यकता ३२ मण सुवर्ण सिंहासन की है ! इस सुवर्ण सिंहासन में पुरे राष्ट्र का इतिहास अंतर्भूत है !’ सभा के लिए सातारा जनपद के ८ तहसिलों के धारकरी उपस्थित थे।

उन्होंने आगे कहा कि, ….

१. जिस परिस्थिति में सिंहासन का निर्माणकार्य किया गया था, उस समय पूरा देश धर्मांध इस्लामी सत्ता के नियंत्रण में था। कोई भी आएं और टपली मार कर चला जाएं, ऐसी हिन्दुओं की स्थिति थी। हत्या, बलात्कार, धर्मांतर, मंदिरों साथ ही देवताओं की मूर्तियों की तोडफोड, गौओं की हत्या इस प्रकार का विध्वंस किया जा रहा था।

२. शिवछत्रपति ने पांच पातशाहियों का गला दबोचकर हिन्दवी स्वराज्य का सिंहासन निर्माण किया था। शिवछत्रपति निरंतर मृत्यु की छाया में जी रहे थे। मुघल ३२ मण सोने के सिंहासन के टुकडे कर उन्हें भगाकर चले गए। अतः सिंहासन की रक्षा हेतु महाराष्ट्र के घर घर का धारकरी आगे आएगा। ३२ मण सोना अर्थात् आज का १ सहस्त्र २८० किलो सोना !

३. महाराष्ट्र में ३८ जनपद तथा ३९४ तहसिल अंतर्भूत हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार ‘एक तिथी एक तहसील’ के अनुसार न्यूनतम ५०० से अधिक युवक सिंहासन की रक्षा हेतु २४ घंटे जागृत रहकर रक्षा करने हेतु रायगड पर जानेवाले हैं। इससे रागयड को पुर्नवैभव प्राप्त होगा। किसी भी राजनीतिक दल के लोगों को विशेष रूप में आंमत्रित नहीं किया जाएगा !

४. सदियों बीत जायेंगी, किंतु सिंहासन की रक्षा का कार्य अखंड रूप से चलता रहेगा ! किसी भी दल, पंथ, संप्रदाय को दूर रखकर केवल हिन्दू समाज के लिए हमें रायगड पर संकल्प हेतु संघटित होना चाहिए।

देश रक्तरंजित हुआ है, यह केवल ‘दैनिक सनातन प्रभात’ के कारण ज्ञात होता है !

जो भी व्यक्ति ‘दैनिक सनातन प्रभात’ पढेगा, उसे ज्ञात होगा, कि आज भी देश उतना ही रक्तरंजित है, विध्वंसक धर्मांधों के आक्रमणं आज भी हो रहे हैं !

सिंहासन के संकल्प के लिए ५ लक्ष धारकरी महाराष्ट्र से रायगड पर उपस्थित रहेंगे !

३ जून दोपहर ४ बजे रायगड पर उपस्थित रहना !

सायंकाल ५ बजे संकल्प कार्यक्रम आरंभ होगा। वह दूसरे दिन अर्थात ४ जून को प्रातः १० बजे तक समाप्त होगा। सिंहासन के संकल्प के लिए ५ लक्ष धारकरी पूरे महाराष्ट्र से रायगड पर उपस्थित रहेंगे। न्यूनतम १ लक्ष धारकरी छत्रपति की राजधानी रहे, सातारा से उपस्थित रहेंगे !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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