धर्मांधों को डरनेवाले पुलिस अधिनियम एवं सुव्यवस्था की रक्षा क्या करेंगे ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात
मुंबई : डोंगरी क्षेत्र के गायवाडी झोपडपट्टी के एक मदरसा में अजान हेतु लगाए गए भोंपुओं के विरोध में बजरंग दल के कोकण विभाग के अधिकारी डॉ. विनोद कोठारी ने डोंगरी पुलिस थाने में परिवाद प्रविष्ट किया था। इस बात को डेढ मास हुआ, किंतु पुलिस ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया। (अतएव पुलिस हिन्दुओं का विश्वास खो चुके हैं। निरपराध हिन्दुओं पर अकारण रोब जमानेवाले पुलिस धर्मांधों के अवैध कृत्यों पर प्रतिबंध डालने का साहस क्यों नहीं करते ! ऐसे पुलिसकर्मियों के विरोध में उनके वरिष्ठों के पास परिवाद प्रविष्ट करें ! – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
इस भोंपुओं की आवाज से आसपास के रहिवासी भी त्रस्त हुए थे। अंत में डॉ. कोठारी ने भोंपुओं के कारण नियमित रूप से होनेवाले सिरदर्द से त्रस्त हिन्दुओं को संघटित कर डोंगरी पुलिस थाने में जाकर फटकारा ? हिन्दुओंद्वारा अपनाएं गई इस भूमिका के कारण अंत में ३ अप्रैल को पुलिस ने संबंधित जगह से भोंपुओं को उतरवा दिए। हिन्दुओं ने संघटित रूप से भोंपुओं के विरोध में प्रतिकार करने के कारण पुलिस को यह कार्रवाई करने पर विवश किया। (भोंपुओं हटाने का सर्वोच्च न्यायालय का आदेश था; किंतु पुलिस ने कभी भी अपने मन से ऐसी कार्रवाई नहीं की। अब हिन्दू ही संघटित होकर भोंपुओं के विरोध में प्रतिकार करें, तो उस में अनुचित क्या है ? – सम्पादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात