कार्तिक कृष्ण पक्ष अष्टमी, कलियुग वर्ष ५११६
बिहारशरीफ (बिहार) – बिहार के बिहारशरीफ स्थित सरकारी सहायता प्राप्त अजीजिया मदरसे में धर्म का हवाला देकर लड़कियों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। साथ ही, यहां पहले से जो लड़कियां पढ़ रही थीं, उनके मदरसे में प्रवेश पर पाबंदी लगाने का फरमान जारी किया गया है। इस कदम के बारे में मदरसे के सचिव का कहना है कि लड़के-लड़कियों का एक साथ पढ़ना और लड़कियों को पुरुष शिक्षक द्वारा पढ़ाया जाना मजहब के खिलाफ और पाप है। मदरसे का संचालन सोगरा वक्फ स्टेट कमिटी करती है और कमिटी के अध्यक्ष का कहना है कि उन्हें इस तरह के फरमान की जानकारी नहीं है। उधर, इस फैसले के खिलाफ लड़कियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है।
बिहारशरीफ में अजीजिया मदरसे के बाहर प्रदर्शन करतीं छात्राएं।
‘लड़के-लड़कियों का साथ पढ़ना पाप’
सोगरा वक्फ स्टेट के मुतवल्ली इस मदरसे के सचिव होते हैं। वर्तमान सचिव एसएम शरफ ने कहा, “लड़के और लड़कियों का एक साथ पढ़ना और लड़कियों की पुरुष शिक्षक से पढ़ाई मजहब के खिलाफ है। यह पाप है और वह यह पाप नहीं कर सकते, क्योंकि मदरसे में मजहब से संबंधित शिक्षा दी जाती है। पहले यहां अवैध तरीके से जो मुतवल्ली बने, उन्होंने लड़कियों और लड़कों की एक साथ पढ़ाई शुरू कराई थी। अब जब तक पढ़ाई की अलग व्यवस्था और महिला शिक्षक की बहाली नहीं हो जाती, तब तक लड़कियों के नामांकन पर रोक रहेगी।”
फरमान जारी होने से पहले अजीजिया मदरसे में लड़कों से ज्यादा लड़कियों की संख्या थी। यहां पर तीसरी क्लास से एमए तक की पढ़ाई होती है। इसका संचालन सोगरा वक्फ स्टेट की कमिटी करती है। वेतन और अन्य खर्चे सरकार देती है। यहां के छात्र-छात्राओं को बिहार सरकार की तरफ से साइकिल, पोशाक सहित अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं
अधर में भविष्य
लड़कियों का नामांकन नहीं करने का फरमान जारी होने के बाद सैकड़ों लड़कियों का भविष्य अधर में है। सबसे ज्यादा परेशानी उन लड़कियों को हो रही है, जिनका नामांकन अगली क्लास में होना है।
अध्यक्ष ने किया जानकारी से इनकार
सोगरा वक्फ कमिटी के अध्यक्ष डीएम होते हैं। वर्तमान डीएम बी. कार्तिकेय ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी फरमान की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर