मॉस्को : रूस की एक न्यायालय ने गुरुवार को एक विडियो ब्लॉगर को सजा सुनाई। रुसलन सोकोलोवस्की ने यूट्यूब पर अपने चैनल में ऐसा विडियो डाला जिसमें वह चर्च में जाकर पोकेमॉन को पकड़ता है। साथ ही कहता है कि चर्च में पोकेमॉन को ढूंढना आसान है, जीसस को ढूंढना मुश्किल।
ब्लॉगर पर आरोप है कि, इससे चर्च पर आस्था रखने वालों के विरुध्द नफरत उत्पन्न होती है। रुसलन को अगस्त २०१६ में हिरासत में लिया गया था और उसे नौ महीने जेल व नजरबंदी में बिताने पड़े थे। इस मामले से रूढ़िवादी चर्च की ताकत का पता लगता है। न्यायालय ने माना कि, रुसलान के चैनल के कई विडियो से धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंची है। यह कट्टरपंथी हरकत है। वहीं ऐमनेस्टी इंटरनैशनल ने रूस से अपील की है कि रुसलान को बरी कर दिया जाए।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स