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ईसाईयोंके महाविद्यालयमें हिंदुद्वेषी प्राचार्योंद्वारा दी यातनाओंके विरोधमें निदर्शन

मार्गशीर्ष शु. ६, कलियुग वर्ष ५११४

गुरुपुर (कर्नाटक)में ईसाईयोंके महाविद्यालयमें हिंदुद्वेषी प्राचार्योंद्वारा दी जानेवाली यातनाओंके विरोधमें हिंदू विद्यार्थियोंद्वारा निदर्शन

मंगलुरू – बुधवार १२ दिसंबरको गुरूपुरके रोजा मिस्टिका महाविद्यालयके हिंदू विद्यार्थियोंने उन्हें याताना देनेवाले जेसी क्रास्टा नामक प्राचार्यके विरोधमें महाविद्यालयके बाहर निदर्शन किए । प्राचार्य क्रास्टाने हिंदू विद्यार्थियोंकी धार्मिक भावनाओंको आहत किया है, ऐसा आरोप निदर्शन करनेवाले विद्यार्थियोंद्वारा किया गया । प्राचार्य क्रास्टाने श्री अय्यप्पा देवताके भक्त हिंदू विद्यार्थियोंको कक्षाके बाहर निकाला था । ( हिंदुओंको सर्वधर्मसमभावका उपदेश करनेवाले तथाकथित निधर्मीवादियोंको धर्मांध ईसाईयोंका यह हिंदुद्वेष दिखाई नहीं देगा; क्योंकि उनकी दृष्टिसे सर्वधर्मसमभाव केवल हिंदूओंको ही अनिवार्य है । इसका अर्थ यही है कि, हिंदुओंपर अत्याचार करनेका जन्मसिद्ध अधिकार केवल धर्माध ईसाई एवं मुसलमानोंका ही है । – संपादक )

इन विद्यार्थियोंने यह आरोप लगाया कि, कुछ वर्ष पूर्व इस महाविद्यालयमें हिंदू लडकीयोंको केशमें फुलोंकी माला धारण कर महाविद्यालयमें आनेकी अनुमति नकारी गई थी । साथ ही रक्षाबंधनके दिन राखी बांधनेके लिए भी विरोध दर्शाया गया था ।( हिंदुओ, आपको धर्माचरण करनेके लिए प्रतिबंध लगानेवाले ऐसे ईसाई महाविद्यालयोंको बहिष्कृत करें! – संपादक )

स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात 

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