परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत भांडुप में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा’ !
वातावरण में ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने की ललकार गूंजते समय उसके प्रेरणास्त्रोत परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के चैतन्यदायी संकल्प से ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ के संदर्भ के आदानप्रदान को पूरे देश से प्रेरणा मिल रही है। चारों ओर से उनके अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना के कार्य की पार्श्वभूमि सिद्ध होने हेतु आवश्यक समर्थन देनेवाले, हिन्दुओं का संघटन करनेवाले एवं सब से महत्त्वपूर्ण चैतन्यस्त्रोत का प्रक्षेपण करनेवाली ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति’ सभाएं हो रही हैं। सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से चलाए जानेवाले ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत भांडुप के कोकणनगर मित्र मंडल के प्रांगण में १३ मई को ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति सभा’ का आयोजन किया गया था। इस सभाद्वारा हिन्दुत्वनिष्ठों के मन में ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापना का चैतन्यदायी धर्मबीज बोया गया ! उसका संक्षेप में वृत्तांत यहां प्रस्तुत कर रहें हैं . . .
सभा के आरंभ में धर्माभिमानी श्री. शिवगणेश तिवारी ने राष्ट्रसंकटों को नियंत्रित करने की क्षमता जागृत करनेवाला शंखनाद करने से उपस्थित लोगों में चेतना जागृत हुई। सभा निर्विघ्न रूप से संपन्न हो, इस हेतु स्थानदेवता, ग्रामदेवता एवं विघ्नहर्ता श्रीगणेश के चरणों में आर्तता से प्रार्थना की गई। तदुपरांत भावपूर्ण वातावरण में दीपप्रज्वलन किया गया। सभा का सूत्रसंचालन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. योगेश शिर्के ने किया। समिति के श्री. किशोर औटी ने संतों के संकल्प से ही हिन्दू जनजागृति समिति के चैतन्य का तेज फैलानेवाला दैवी कार्य कैसे उत्तरोत्तर बढ रहा है, इस संदर्भ में जानकारी दी।
सामर्थ्य एवं साधना का बल प्राप्त कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करने हेतु हिन्दुओं ने सिद्ध होना चाहिए ! – श्री. प्रसाद वडके, हिन्दू जनजागृति समिति
आज भारतमाता संकट में है। ऐसी स्थिति में देश का युवक ‘आयपीएल’ देखने में मग्न है। वो व्यसन एवं पाश्चात्त्य विकृति के अधीन चला गया है। ‘करिअर’ बनाने में व्यस्त अभिभावकों को अपने बच्चों पर ध्यान देने हेतु समय नहीं है। मेकॉलेप्रणित शिक्षापद्धति के कारण स्वातंत्र्य प्राप्ति के पश्चात हिन्दुओं को धर्माचरण से दूर किया गया। इसके फलस्वरूप हिन्दू युवक स्वयं का धर्मतेज गवां बैठा है। हिन्दुओं के सामने छत्रपति शिवाजी महाराज के पराक्रम का इतिहास है। प्रभु श्रीरामचंद्र एवं जगद्गुरु भगवान श्रीकृष्ण, श्रेष्ठ जीवनशैली के आदर्श हैं। आज पुनः अपने गाौरवशाली इतिहास का यशोगान करने का समय आ गया है। इसलिए सामर्थ्य एवं साधना का बल प्राप्त कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना हेतु हिन्दुओं ने सिद्ध होना चाहिए !
धर्मजागृति सभाओं का महत्त्व !
धर्मजागृति सभाएं चैतन्य के स्तर पर होती हैं। इन सभाओं के कारण अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ संघटित होते हैं। इस संघटन से हिन्दू धर्म पर होनेवाले आघात रोकने में सहायता होती है !
‘हिन्दू राष्ट्र’ की मांग करना हिन्दुओं का संविधानिक अधिकार ! – श्रीमती नयना भगत, प्रवक्ता, सनातन संस्था
पुरोगामी, धर्मनिरपेक्ष, अन्य पंथीय एवं प्रसारमाध्यम ऐसी अफवाह फैलाते हैं कि ८० प्रतिशत से अधिक हिन्दू रहनेवाले भारत में ‘हिन्दू राष्ट्र’ की मांग करना असंविधानिक है; परंतु समाज एवं राष्ट्र के हित की संकल्पना प्रस्तुत करना पूर्णत: संविधानिक है। कानून की मर्यादा में रह कर राजनीतिक एवं सामाजिक ऐसा कोई भी परिवर्तन करने हेतु राज्य संविधान ने संपूर्ण स्वतंत्रता प्रदान की है। इसलिए ‘हिन्दू राष्ट्र’ की मांग करना हिन्दुओं का संविधानिक अधिकार है ! तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने १९७६ में रातोरात ४२ वीं घटना दुरुस्ती कर राज्यसंविधान में ‘धर्मानिरपेक्ष’ एवं ‘समाजवाद’ ये शब्द अंतर्भूत किए। घटना दुरुस्ती कर यदि भारत को ‘धर्मानिरपेक्ष राष्ट्र’ बनाना संभव है, तो ऐसी ही घटनादुरुस्ती कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ क्यों नहीं हो सकता ?
प्रतिसाद !
क्षात्रतेज एवं धर्मतेज की तरंगें वातावरण में प्रक्षेपित करनेवाली इस सभा में १६० धर्माभिमानी हिन्दू उपस्थित थे एवं २४ सहस्त्र ५०० से अधिक हिन्दुओं ने ‘फेसबुक लाइव्ह’ के माध्यम से सीधे प्रक्षेपण का लाभ लिया।
प्रसार में सहभाग !
श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, विश्व हिन्दू परिषद तथा बजरंग दल आदि संघटनों के कार्यकर्ता एवं सर्वश्री सचिन घाग, गणेश पाटिल, शिवगणेश तिवारी, अक्षय सौदे, संदेश घाडीगावकर, विनायक साळुंखे, मयुर सरवदे आदि धर्माभिमानियों ने सभा के लिए सहायता की।
कृतज्ञता !
समाज के महनीय व्यक्ति अथवा अन्य राजनीतिज्ञ अथवा कलाकार अपने अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में स्वयं को केंद्रीभूत रख कर कार्यक्रम आयोजित करते हैं; परंतु राष्ट्र एवं धर्म के लिए निरंतर प्रयास करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी ऐसा कुछ किए बिना हिन्दुत्वनिष्ठों को राष्ट्र एवं धर्म के लिए सक्रिय होने की प्रेरणा देते हैं। उनकी कृपा से ही इन उपक्रमों को सकारात्मक प्रतिसाद मिल रहा है ! इसके लिए उनके चरणों में जितनी भी कृतज्ञता व्यक्त करें, अल्प ही है !
सहयोग !
सभा के लिए गुरु आशिष डेकोरेटर्स एवं कोकणनगर मित्र मंडल ने सभागृह, कुर्सियां, पटल, बैठकें एवं ध्वनिक्षेपक यंत्रणा अत्यल्प मूल्य में उपलब्ध कराई एवं धर्माभिमानी श्री. प्रदीप उपाध्याय ने सभा के लिए पानी की ५ डझन सीलबंद बोतलें अर्पण कीं !
उपस्थित मान्यवर !
सभा में पंचमुखी सेवा संस्थान के अध्यक्ष श्री. जगन्नाथ कदम, विश्व हिन्दू सेवा संघ के मुंबई के प्रदेश प्रभारी श्री. इंद्रजीत यादव आदि मान्यवरों ने उपस्थित रह कर ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना कार्य में उनके सम्मिलित होने की निश्चिती दी !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात