परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ !
‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत मंदिर स्वछता उपक्रम
कुडाळ
कुडाळ : परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्वावधान में सिंधुदुर्ग जिले में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत विविध उपक्रमों का आयोजन किया गया था। कुडाळ तहसिल के कसाल गांव में श्री पावणाई एवं श्री देव रवळनाथ मंदिर में ९ मई को सामुहिक मंदिर स्वछता उपक्रम आयोजित किया गया था।
प्रारंभ में श्री देवी पावणाई तथा श्री देव रवळनाथ के चरणों में प्रार्थना एवं वंदन करने के पश्चात मंदिर तथा मंदिर परिसर की स्वछता की गई। स्वछता पूरी होने के पश्चात गावकरियों की ओर से श्री देवी पावणाई के चरणों में ‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को दीर्घायुष्य प्राप्त हो, साथ ही ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना हो’, इसलिए मन्नत मांगी गई।
इस समय सनातन के साधक डॉ. संजय सामंत ने मन्नत मांगने के पीछे का कारण उपस्थितों को स्पष्ट किया। मंदिर की स्वछता पूर्ण होने के पश्चात ‘मंदिर स्वछता का महत्त्व’ बताकर स्वछता सेवा पूर्ण होने के संदर्भ में कृतज्ञता व्यक्त की। उस समय १५ ग्रामस्थ उपस्थित थे।
स्वछता की सेवा करने हेतु लगभग ७० वर्ष आयु की श्रीमती परब दादी उपस्थित थी, साथ ही हाल ही में जिसके नेत्र की शस्त्रक्रिया हुई है, ऐसी एक महिला भी सहभागी हुई थी। मंदिर स्वछता की सेवा में सहभागी होने के पश्चात उन्होंने बताया कि,‘घर में इतना काम करने के पश्चात थकावट प्रतीत होती है; किंतु यहां ऐसा कुछ भी प्रतीत नहीं हुआ !’
मंदिर स्वछता सेवा में श्री. एकनाथ तथा श्री. अंकुश भिवा पारकर, श्री. बबन पारकर, श्रीमती सिद्धी परब, श्रीमती गौरी राणे, श्रीमती श्वेता राणे, श्रीमती शितल परब, श्रीमती सत्यवती परब (दादी), श्री. चंद्रकांत परब, श्री. राजेंद्र जेठे, श्रीमती महानंदा जेठे, श्री. तेजस रावले, श्री. बाळकृष्ण परब, श्री. सुभाष कसालकर तथा श्री. प्रथम शर्मा आदि सहभागी हुए थे।
कणकवली
कणकवली तहसिल के आशिए (नीचे की गुरववाडी) में ११ मई के दिन श्री. श्रीधर गुरव के घर पर युवा शौर्य जागरण शिविर का आयोजन किया गया था। इस शिविर में ८० ग्रामस्थों के साथ-साथ १२ छोटे बच्चें भी सहभागी हुए थे।
हिन्दू जनजागृति समिति के सिंधुदुर्ग जिला समन्वयक श्री. हेमंत मणेरीकर ने ‘शौर्य जागरण’ इस विषय पर जानकारी दी। साथ ही ‘स्वसंरक्षण प्रशिक्षण की आवश्यकता’ इस विषय पर सिंधुदुर्ग जिला रणरागिणी शाखा समन्वयक श्रीमती अंजली मणेरीकर ने जानकारी दी। कार्यक्रम का सूत्रसंचलन श्री. रमेश सावंत ने किया।
इस समय श्री. शंकर गुरव, सरपंच-आशिए; श्री. मधुकर गुरव, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी प्रमुख रूप में उपस्थित थे।
क्षणिकाएं
• उपस्थित लोगों में युवक तथा युवतियां अधिक संख्या में उपस्थित थी।
• कार्यक्रम समाप्ति के पश्चात कुछ युवकों ने विचारविमर्श करने हेतु रूक कर अधिक जानकारी प्राप्त की। साथ ही स्वसंरक्षण प्रशिक्षण वर्ग आरंभ करने के लिए सकारात्मक प्रतिसाद भी दिया।
• कार्यक्रम स्थल पर सनातन की ग्रंथ प्रदर्शनी तथा सात्त्विक उत्पादों का कक्ष भी लगाया गया था।
• श्री. श्रीधर गुरव, आशिए ने शिविर के लिए जगह उपलब्ध कराई।
• श्री. शशिकांत पुजारे, आशिए ने ध्वनिक्षेपक यंत्रणा उपलब्ध कराई।
• श्री. निखिल गुरव, श्री. प्रकाश गुरव तथा उनके मित्रमंडल ने कार्यक्रम सफल होने के लिए सहायता की।
• रामेश्वर बैटरी, कणकवली ने कार्यक्रम के लिए बैटरी उपलब्ध कराई।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात