श्रीक्षेत्र पंढरपुर में वारकरियोंसहित हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा आंदोलन !
इस प्रकार का आंदोलन चलाने की स्थिति उत्पन्न होना शासन के लिए लज्जास्पद !
गोशाला का नियंत्रण हिन्दू जनजागृति समिति के हाथ में दें ! – श्री. बाबासाहेब बडवे, पूर्व शहराध्यक्ष, भाजपा, पंढरपुर
श्रीक्षेत्र पंढरपुर (जिला सोलापुर, महाराष्ट्र) : ‘श्री विठ्ठल-रूक्मिणी मंदिर समिति की गोशाला में स्थित गायों की मृत्यु के लिए सभी उत्तरदायियोंपर कठोर कार्रवाई करें’, इस मांग को लेकर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से शनिवार, १३ मई को यहां के छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर वारकरियोंसहित तीव्र आंदोलन किया गया। इस आंदोलन में वारकरी संप्रदाय सहित ७५ हिन्दुत्वनिष्ठ उत्स्फूर्तता से सम्मिलित हुए थे।
‘आपको गोशाला चलानी नहीं आती; इसलिए आप उसे हिन्दू जनजागृति समिति के नियंत्रण में दें’, ऐसी मांग भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष श्री. बाबासाहेब बडवे ने आंदोलन के समय की।
इस अवसरपर हिन्दुत्वनिष्ठोंद्वारा व्यक्त की गई भावनाएं
१. वारकरी संप्रदाय पाईक संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता ह.भ.प. रामकृष्ण महाराज वीर ने कहा, ‘कसाई के लिए जो दंड होता है, वही दंड यहां के मंदिर समिति के उत्तरदायी अधिकारियों को दिया जाना चाहिए; क्योंकि, वो भी कसाई ही बन गए हैं !’
२. इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के पश्चिम महाराष्ट्र समन्वयक श्री. मनोज खाडये ने कहा, ‘गोशाला को चलाने की मंदिर समिति में पात्रता नहीं है, साथ ही उनमें हिन्दुओं के मंदिरों को संभालने की क्षमता भी नहीं है !’
३. श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान के विभाग प्रमुख श्री. प्रतापसिंह साळुंखे ने कहा, ‘जब मंदिर समिति की गायें कूढेदानोंपर चरती हैं, तब उस संदर्भ में नगरपालिका के स्थानपर मंदिर समिति के व्यवस्थापक को ही पूछा जाना चाहिए। रायगढपर ३ और ४ जून को ‘बत्तीस मण’ के सिंहासन का संकल्प कार्यक्रम होनेवाला है, उस समय इस गंभीर प्रकरण के संदर्भ में पू. संभाजीराव भिडे गुरुजी का ध्यान आकर्षित कर श्रीशिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान की ओर से इस संदर्भ का निर्णय लिया जाएगा !’
इस अवसरपर ह.भ.प. बाबुराव महाराज वाघ, सनातन संस्था की साधिका श्रीमती अनिता बुणगे एवं भाजपा के श्री. विजय बडगे ने भी स्पष्टता के साथ अपने विचार रखे।
आंदोलन का प्रारंभ वारकरी संप्रदाय के संघटक ह.भ.प. बाबुराव महाराज वाघ के हाथों छत्रपति शिवाजी महाराज के पुतले को पुष्पमाला समर्पित कर किया गया। ‘जनम-जनम का नाता है, गोमाता हमारी माता है’, ‘जयतु जयतु हिन्दू राष्ट्रम’, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज की जय हो’, ‘हिन्दू जनजागृति समिति की जय हो’ इन घोषणाओं ने पंढरपुरवासियों का ध्यान आकर्षित कर लिया। इस समय आंदोलन में सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठों ने हाथों में विविध मांगों के फलक पकडे थे। ये फलक नागरिकों का ध्यान आकर्षित कर रहे थे। आंदोलन का सूत्रसंचालन सनातन के साधक डॉ. श्रीपाद पेठकर ने किया।
आंदोलन में उपस्थित अन्य मान्यवर
ह.भ.प. अनिल महाराज बडवे, भाजपा के पूर्व शहराध्यक्ष श्री. बाबासाहेब बडवे, पंढरपुर नगरपालिका की उपनगराध्यक्ष श्रीमती सुजाता बडवे, हिन्दू महासभा के शहराध्यक्ष श्री. बाळासाहेब डिंगरे, सर्वश्री विवेक बेणारे, महेश खिस्ते, ओंकार घोडके, श्याम हिप्परकर, शिवसेना शहरप्रमुख श्री. वैभव बडवे, परशुराम युवा मंच के श्री. श्रीराम बडवे, पेशवा युवा मंच के सचिव श्री. गणेश लंके, घोंगडी ग्रामोद्योग व्यापारी श्री. प्रमोद सादिगले, सामाजिक कार्यकर्ता श्री. अनिल सप्ताळ, श्री. रोहन सूर्यवंशी, पुरोहित संघ के श्री. विद्याधर वांगीकर, बजरंग दल के शहरप्रमुख श्री. सुनील बाबर, विश्व हिन्दू परिषद के श्री. रामेश्वर कोरे, मंगळवेढा के पूर्व उपनगराध्यक्ष श्री. सुरेश जोशी, प्रतिष्ठित व्यापारी अरुण बट्टेवारसहित बडी संख्या में हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे।
इस आंदोलन के माध्यम से की गई मांगें
१. गोशाला में स्थित गायों की मृत्यु एवं उनकी की जानेवाली उपेक्षा के लिए सभी उत्तरदायियोंपर कठोर कार्रवाई हों !
२. गोशाला की अक्षम्य उपेक्षा करनेवाले व्यवस्थापक को हटाकर गोशाला का व्यवस्थापन पारदर्शिता के साथ और जो गोमाता की अच्छी प्रकार से सेवा कर सकते हैं, ऐसे गोभक्त श्रद्धालुओं के हाथों में दें !
३. इसके आगे गोशाला में स्थित गायों की उपेक्षा न हो, इसके लिए विविध उपाय करें। ये सभी योजनाओं को श्रद्धालुओं को समझ में आए; इसके लिए गोशाला के बाहर दर्शनीय क्षेत्र में फलकोंपर लिख कर रखें !
प्रशासन को दिए गए निवेदन में कहा गया है कि, …..
१. अबतक इस गोशाला में नियमबाह्य कार्य करना, गायों की उपेक्षा करना आदि घटनाएं हो रही हैं। गोशाला के गायों की देखभाल के लिए चंदा मिलता है, साथ ही मंदिर समिति भी उनकी देखभाल के लिए अलग से चंदा जमा करती है; किंतु इसका उपयोग योग्य प्रकार से न होने से गोशाला चलाने के मूल उद्देश्य को ही कालिख पोती जा रही है !
२. मंदिर समिति की उपेक्षा के कारण गोशाला में स्थित अनेक गायों की मृत्यु हुई है। इन गायों को योग्य प्रकार का चारा उपलब्ध हो; इसके लिए मंदिर समितिद्वारा विविध ठेके दिए गए हैं। ऐसा होते हुए भी इन गायों को चारा नहीं मिलता, यह वास्तविक स्थिति है। चारे के अभाव में गांव के कूढेदानोंपर पडा हुआ कचरा खानेसे इन गायों के पेट में बडी संख्या में प्लास्टिक की थैलियां और अन्य घातक पदार्थ जाकर कुछ गायों की मृत्यु होने के गंभीर प्रकरण हुए हैं !
३. सूचना के अधिकार के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृत गायों के पेट में १४ से १५ किलो प्लास्टिक, साथ ही लोहे के तार के गोले दिखाई दिए हैं। श्रद्धालुओंद्वारा पर्याप्त अर्पण प्राप्त होकर भी योग्य खुराक उपलब्ध न होने से इन गायों की मृत्यु होना अपराध है। गोपालन की दृष्टि से उनके लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध करवा न देना मंदिर समिति के निष्क्रिय एवं भ्रष्टाचारी कार्यपद्धति का दर्शक है। मंदिर की संपत्ति में इस प्रकार की अनियमितताएं होना तो महापाप ही है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात