नई देहली : अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तानी सैन्य न्यायालय से जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोप में मौत की सजा पाये भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर आज रोक लगा दी। मौत की सजा के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च न्यायिक संस्था में भारत के पक्ष को मजबूती देते हुये अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तान को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करने के लिये ‘सभी आवश्यक कदम उठाये’ कि उसके (अंतरराष्ट्रीय न्यायालय) द्वारा अंतिम निर्णय सुनाये जाने तक जाधव को फांसी न दी जाये। न्यायालय के अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने निर्णय पढ़ते हुये कहा कि ११ न्यायाधीशों की पीठ ने एकमत से यह निर्णय लिया है।
न्यायालय ने कहा कि, वियना संधि के अनुसार भारत को उसके नागरिक से दूतावास संपर्क की अनुमती दी जानी चाहिये। भारत और पाकिस्तान दोनों ही १९७७ में वियना संधि पर हस्ताक्षर कर चुके हैं। पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारी के मामले के अपने न्यायक्षेत्र में होने पर जोर देते हुये न्यायालय ने कहा कि जिन परिस्थितियों में ४६ वर्षीय जाधव को गिरफ्तार किया गया वे विवाद के दायरे में हैं। भारत और पाकिस्तान द्वारा इस मामले में अपनी-अपनी दलीलें दिये जाने के तीन दिन बाद यह निर्णय आया है।
स्त्रोत : खबर एनडीटीव्ही