कार्तिक कृष्ण पक्ष दशमी, कलियुग वर्ष ५११६
बरेली (उत्तरप्रदेश) – एक नहीं दो दो लड़कियों को अपने प्रेम जाल में फंसा कर जबरन धर्मान्तरण का मामला पुलिस के संज्ञान में आया है। बरेली निवासी पहली पत्नी ने जब इसका विरोध किया तो उस पर तमंचा तान दिया और पुलिस से शिकायत करने पर उसको जान से मारने की धमकी भी दी है। मामला बरेली आई जी तक पहुंचा तब उन्होंने एसपी रामपुर को निर्देश दे इस मामले को दर्ज करवाया है।
लव जेहाद का अजीब हादसा बरेली में सामने आया। जहां इंटर पास छात्रा को सात साल पहले अपने प्यार के झांसे में लेकर हिंदू बताकर उससे आकरान नाम के युवक ने विवाह किया था। जब आरोपी ने इससे विवाह किया था तब महिला का पहला विवाह एक माह के दौरान टूट गया था और इसने महिला की भावनाओं के साथ खेलते हुये इसको हिंदू बता इसे अपने प्यार के जाल में फंसा लिया। बाद में दो साल तक तो सब ठीक था लेकिन जब आरोपी की असलियत सामने आने लगी तब आरोपी ने पीडि़ता पर जबरन धर्म को बदल दूसरे धर्म को स्वीकार कर लेने का दबाब बनाया जब पीडि़ता ने ऐसा करने से मना किया तब उसको काफी यातनायें दी गई और उसको धमकी दी जाने लगी। इतना ही नहीं आरोपी ने उसको कई बार पीडि़ता को मांस खाने और नमाज पड़ने के लिये प्रताडि़त भी किया। इस बीच महिला के दो बच्चे हो गये थे जो आज आरोपी के पास है।ं तब पीडि़ता ऐसी स्थिति में थी कि वो अपने घर भी नहीं लौट सकती थी ऐसे में आरोपी ने एक और हिंदू लड़की को अपने जाल में फंसा कर उससे निकाह कर लिया और अब भी उसी के साथ वो रह रहा है। अब पीडि़ता ने जुल्म की इंताह होने के बाद खुद को जैसे तैसे आरोपी से चंगुल से मुक्त कराया और आई जी जोन बरेली से न्याय की गुहार लगाई।
पीडि़ता ने बताया कि आईजी बरेली से न्याय की गुहार लगाना पीडि़ता को काफी मंहगा पड़ा। इस पर आरोपी ने उसे कई बार फोन पर जान से मारने की धमकी तक दे डाली। अब पीडि़ता अपने बच्चों को वापस लेने के लिये व न्याय के लिये पुलिस के चक्कर काट रही है और न्याय की गुहार लगा रही है। इतना ही नहीं पीडि़ता को आरोपी से जान का खतरा भी है। लेकिन अब पीडि़ता की शिकायत के आधार पर जांच में रामपुर सिविल लाइन पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। अब पुलिस महिला से जुड़े हर पहलू पर विचार करते हुये जांच कर रही है।
इस पर सामाजिक कार्यकर्ता साधना गोस्वामी ने कहा –
लव जेहाद में जहां धर्मान्तरण की बातें सामने आती हैं वहीं इस धर्मान्तरण से कहीं न कहीं जिंदगियां तबाह भी होती हैं। अब ऐसे में कोई सामाजिक सरोकार की पहल जल्द न की गई तब हालात और गंभीर होंगे।
स्त्रोत : लाइव्ह कानपूर