हिंदुओ, आपकी दरिद्रता एवं अज्ञानका अनुचित लाभ उठाकर आपको धर्मांतरित करनेका प्रयास करनेवाले ईसाईयों की ब्रिटेनमें हो रही स्थितिको जानें !
लंदन – यहांके ‘डेली मेल’ दैनिक समाचार पत्रमें ऐसा समाचार प्रसारित हुआ है कि, ब्रिटेनके ‘हाऊस ऑफ कॉमन्स लायब्ररी ’द्वारा बनाए गए ब्यौरेके अनुसार प्रत्येक वर्ष ब्रिटेनमें ५ लाख ईसाईयोंद्वारा स्वधर्म का त्याग किया जा रहा है । अतः २०३० में ईसाईयोंकी संख्या अन्य धर्मियोंकी तुलनामें अल्प होगी, तथा हिंदु एवं मुसलमानोंकी जनसंख्या अधिक होगी । (भारतमें रहनेवालेधर्मांध ईसाई मिशनरीयों के लिए यह समाचार करारी तमाचाही है । एक ओर ईसाई राष्ट्रोंमें ईसाई उनके धर्मका त्यागकर रहे हैं, तो दूसरी ओर भारतमें विदेशीr निधिकी सहायतासे ईसाई मिशनरी ही भारतके निर्धन हिदु ओंकोधनकी लालच दर्शाकर उनका धर्मांतर कर रहे हैं । विदेश में रहनेवाले ईसाईयोंको अपने धर्मकी निरर्थकता ध्यानमें आगई है । अब धर्माभिमानी हिंदुओंको ईसाई मिशनरीयोंकाधर्मप्रसार रोकने हेतु ब्रिटेनके इस ब्यौरेका प्रसार करनेकीrआवश्यकता है । – संपादक)
इस ब्यौरेमें ऐसा भी कहा गया है कि,
- प्रत्येक वर्ष साढेसात लाख सर्वधर्मीय अपने धर्मका त्याग कररहे हैं तथा नास्तिकताकी ओर मुड रहे हैं । (भारतके तथाकथित धर्मनिर पेक्षतावादी प्रसारमाध्यमोंद्वारा यह समाचार प्रधानतासे नहीं दिया गया है । भारत के ईसाईयोंपर हो रहे कथित अनाचारोंका समाचार देने वालेप्रसार माध्यम ऐसे समाचारोंकी सीधी उपेक्षा करते हैं !हिंदुओंको ऐसे प्रसार माध्यमोंको बहिष्कृत ही करना चाहिए! – संपादक)
- विगत ६ वर्षोमें ब्रिटेनमें मुसलमानोंकी जनसंख्या३७ प्रतिशत, तो हिंदुओंकी जनसंख्या ४३ प्रतिशत हुई है, तथाबौद्ध धर्मियोंकी संख्यामें ७४ प्रतिशत वृद्धि हुई है ।
- परंतु सिक्ख एवं ज्यू धर्मियोंकी संख्या न्यून हुई है ।
- पिछले सप्ताहमें ईसाई लोकप्रतिनिधियोंके एक समुहद्वारा ब्रिटेनके संसदमें सूचित किया गया कि, ब्रिटेनकी जनताद्वारा ईसाईयोंके विरोधमें भेद भावका व्यवहार किया जा रहा है ।इसलिए ब्रिटेनके धर्मनिरपेक्षतावादी ईसाईयोंके विश्वासपर आंचआ रही है । (ब्रिटिशोंने ‘तोडो एवं राज्य करो’ इस पद्धतिसे भारतपर डेढ सौ वर्षोंतक राज्य किया । उन्होंने हिंदु एवं मुसलमानोंमें अंतर उत्पन्न कर पाकिस्तान निर्माण करनेकाषडयंत्र किया है । उसी पापका फल अब ब्रिटेनको भुगतनापड रहा है । ऐसा कहना अयोग्य नहीं होगा ! – संपादक)
- ब्रिटेनमें २०१० में ४ करोड १० लाख ईसाई थे । विगत छःवर्षोमें इसमें ७.६ प्रतिशत न्यूनता आई है ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात