काहिरा : मिस्र में सेना की वर्दी पहने नकाबपोश बंदूकधारियों ने शुक्रवार को कॉप्टिक ईसाइयों को ले जा रहे वाहनों पर अंधाधुंध गोलीबारी की जिसमें कम से कम २८ व्यक्तियों की मौत हो गई। मारे गए व्यक्तियों में कई बच्चे हैं। देश में लगभग दो महीनों में ईसाई समुदाय पर होने वाला यह दूसरा बड़ा हमला है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि नकाबपोश बंदूकधारियों ने एक बस और अन्य वाहनों पर हमला किया जिनमें कॉप्टिक ईसाई काहिरा से २५० किलोमीटर दक्षिण में अंबा सैमुअल मॉनिस्टरी जा रहे थे। गृह मंत्रालय ने बताया कि बंदूकधारी तीन वाहनों पर सवार थे।
मिस्र के मीडिया ने कहा कि हमले में २८ ईसाइयों की मौत हो गई और २३ अन्य घायल हो गए। सूत्रों एवं प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि मारे गए व्यक्तियों में अधिकतर बच्चे हैं। अल मिन्या के बिशप ने मिस्र के एक निजी टेलिविजन चैनल डीएमसी को बताया कि मृतकों में बच्चों से लेकर ६० वर्ष से अधिक के व्यक्ति हैं। ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक सूत्र ने अल अहरम समाचारपत्र को बताया कि मृतकों में कई बच्चे शामिल थे। हमले में मात्र तीन बच्चे ही बचे। समाचार में कहा गया कि हमलावरों की संख्या ८ से १० के बीच थी जिन्होंने सेना की वर्दी पहन रखी थी। सुरक्षाकर्मियों ने क्षेत्र की घेराबंदी कर दी है और हमलावरों की तलाश कर रहे हैं। किसी भी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली।
यह हमला तब हुआ है जब बीते महीने पाम संडे को कॉप्टिक चर्चों पर हुए दो हमलों के बाद देश अभी भी आपात स्थिति में है। कथित हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली थी जिसमें कई लोग मारे गए थे। राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल सिसी ने हमले के बाद एक आपात सुरक्षा बैठक बुलाई। प्रेजिडेंसी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार अल सिसी ने अधिकारियों को घायलों के इलाज और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। अल अहरम अरबी वेबसाइट ने बताया कि मिस्र के महाभियोजक नबील सादिक ने हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए एक विस्तृत जांच का आदेश दिया है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स