मार्गशीर्ष शु. ८, कलियुग वर्ष ५११४
नागपुर – हिंदू जनजागृति समिति तथा राष्ट्रीय वारकरी सेनाद्वारा आयोजित पत्रकार परिषदमें स्पष्ट किया गया है कि, श्रीक्षेत्र पंढरपुरमें सरकारकी श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समितिद्वारा गोवंश कसाईको बेचनेका प्रकरण ताजा ही है, ऐसे समय पंढरपुरकी नगराध्यक्षाद्वारा श्री विठ्ठलकी पंढरपुर नगरीमें ही आधुनिक पशुवधगृह (कसाईखाना)निर्माणके लिए गृहमंत्री रा.रा. पाटीलसे धनकी मांग कर हिंदुओं की श्रद्धापर आघात किया गया है । प्रदेशमें गोहत्या प्रतिबंध कानून तो बनना ही चाहिए, इसके साथ ही सरकारको पशुवधगृहकी मांग ठुकराकर तत्परतासे वहां हरिद्वार तथा ऋषिकेश तीर्थक्षेत्रोंके समान ‘मांस-मद्य’ पर भी १०० प्रतिशत प्रतिबंध लगाना चाहिए अन्यथा इसके विरोधमें तीव्र आंदोलन किया जाएगा । आज प्रदेश सहित देशभरमें बडी मात्रामें गोवंशकी हत्या हो रही है । १४ वर्ष होनेके उपरांत भी केंद्रसरकारद्वा गोहत्या प्रतिबंधक विधेयकको मान्यता प्राप्त नहीं हुई है । ऐसे समय पंढरपुरमें पशुवधगृहका निर्माण कर पवित्र चंद्रभागा नदीका जल रक्तसे लाल बनानेका षडयंत्र उखाड फेंकनेके लिए हिंदुत्वनिष्ठ एवं वारकरी सज्ज हैं । सरकार त्वरित पशुवधगृहका प्रस्ताव निरस्त करे तथा हिंदुओंके प्रमुख तीर्थस्थल पंढरपुरमें देशके हरिद्वार एवं ऋषिकेश तीर्थक्षेत्रोंके समान ‘मांस-मद्य’ पर १०० प्रतिशत प्रतिबंध लगाए । जो सरकार युवकोंको व्यसनाधीनतासे मुक्त करनेके लिए ‘गुटखा-बंदी’ घोषित करती है, वह अब आगेका सुधारवादी कदम उठाए अन्यथा ‘बीयर-बार’के सामने मंजीरे-मृदंग लेकर कीर्तन करेंगे तथा वह बंद करनेके लिए आंदोलन करेंगे, ऐसी चेतावनी राष्ट्रीय वारकरी सेना एवं हिंदू जनजागृति समितिद्वारा दी गई है ।
स्वयंको वारकरी कहलानेवाले राष्ट्रवादी कांग्रेसके आदिवासी विकासमंत्री बबनराव पाचपुते, सोलापुर जनपदके पालकमंत्री प्रा. लक्ष्मणराव ढोबळे एवं अन्य मंत्री सत्तामें होते हुए इस प्रकारके षड्यंत्र रचे जाते हैं, इसके पीछे मुख्यतः किसका हाथ है, इसका विचार भी वारकरी गंभीरतासे करेंगे । इसके अनुसार आगेके आंदोलनका स्वरूप निश्चित किया जाएगा, यह भी इस समय स्पष्ट किया गया
वारकरी संप्रदाय समाप्त करनेका षड्यंत्र ! – ह.भ.प. रामेश्वर महाराज शास्त्री
पंढरपुरमें पशुवधगृह निर्माणके लिए हमारा तीव्र विरोध है । प्रदेश सरकारद्वाराजानबूझकर यह षड्यंत्र रचा गया है । इस पवित्र स्थलकी पवित्रता नष्टकर वारकरी संप्रदाय समाप्त करनेका यह षड्यंत्र है । जिन्होंने इस संप्रदायको डसनेका प्रयास किया है वे स्वयं ही समाप्त हो गए हैं । यदि इस स्थानपर पशुवधगृह बना, तो वहां सर्वप्रथम सरकारकी बलि चढेगी, ऐसी प्रतिक्रिया ह.भ.प. रामेश्वर महाराज शास्त्रीद्वारा `सनातन प्रभात’के प्रतिनिधिके पास व्यक्त की गई ।
पशुवधगृहके (कसाईखानेके) षड्यंत्रका जोरशोरसे विरोध करेंगे ! – ह.भ.प. प्रकाश महाराज जवंजाळ
महाराष्ट्र वारकरी महामंडलके अध्यक्ष ह.भ.प. प्रकाश महाराज जवंजाल बोले, ‘‘पंढरपुर जैसे तीर्थस्थलपर पशुवधगृह बनानेके षड्यंत्रका प्रथम तीव्र शब्दोंमें विरोध करता हूं । सर्व वारकरी मिलकर इस षड्यंत्रका जोरशोरसे विरोध करेंगे तथा वह पशुवधगृह बनने नहीं देंगें ।’’
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात