गुजरात के सोमनाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग को भारत के १२ ज्योतिर्लिंगों में से पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। मान्यता है कि, भगवान शिव ने जब चंद्रमा को श्राप से मुक्त किया था तब चंद्र देव ने इस शिवलिंग की स्थापना थी।
मुंबई में भगवान गणेश को समर्पित सिद्धिविनायक मंदिर १८०१ में बनवाया गया था। इस मंदिर में अंदर की छत सोने से मढ़वाई गई है। गणपति उत्सव के दौरान यहां की रौनक वाकई देखनेवाली होती है।
तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित भगवान शिव का रामनाथस्वामी मंदिर १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में शामिल है। इस मंदिर में दो शिवलिंग हैं। एक शिवलिंग माता सीता ने बनाया था और दूसरा हनुमानजीद्वारा लाया गया था।
जम्मू के कटरा मे ऊंचे पहाड़ों पर बैठी मां शेरावाली का मंदिर ‘वैष्णो देवी’ के नाम से जाना जाता है। यहां साल भर सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं का तांता लगता है। इस मामले में यह मंदिर भारत में दूसरे स्थान पर है।
बिहार स्थित महाबोधी मंदिर बौद्ध धर्म में आस्था का एक विशेष केंद्र है। इस मंदिर को यूनेस्को (UNESCO) ने विश्व पुरातात्विक स्थलों की सूची में शामिल किया है।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित भगवान शिव का काशी विश्वनाथ मंदिर अपने आप में एक विशेष स्थान रखता है। इस मंदिर की स्थापना १७८० में अहिल्या बाई ने करवाई थी। काशी को मोक्ष की नगरी भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि, वाराणसी में विश्वनाथ के दर्शन व गंगा स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होता है।
असम में कामाख्या देवी का मंदिर देवी के ५१ शक्ति पीठों में से एक है। यह मंदिर सबसे ज्यादा तांत्रिक पूजा के लिए माना जाता है।
महाराष्ट्र का शिरडी नगर साईं बाबा के मंदिर की वजह से विश्व प्रसिद्ध है। यह मंदिर भारत का तीसरा सबसे अमीर मंदिर है।
आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित श्री वैंकटेश्वर स्वामी का मंदिर ‘तिरुपति बालाजी’ के नाम से विश्व प्रसिद्ध है। इस मंदिर में साल में सबसे ज्यादा भक्तों की भीड़ उमड़ती है। यह भारत का दूसरा सबसे अमीर मंदिर है, जिसे राजा कृष्णदेव राय ने बनवाया गया था।
उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ का मंदिर देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की स्थापना १२वीं शताब्दी में हुई थी और यह भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के लिए भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि, मंदिर में भगवान को चढ़ाया जानेवाला प्रसाद देवी लक्ष्मी बनाती हैं।
स्त्रोत : आज तक