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सेना पर पथराव करनेवाले देशद्रोही तथा धर्मांधों को देश से बाहर निकाले ! – श्री. चैतन्य तागडे, हिन्दू जनजागृति समिति

पुणे में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !

पुणे : यहां के बाजीराव पथ पर महाराणा प्रताप उद्यान के सामने २६ मई को आयोजित किए गए ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ के समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. चैतन्य तागडे संबोधित कर रहे थे। अपने मार्गदर्शन में उन्होंने यह मांग की कि, ‘काश्मीर के विभाजनवादी तथा धर्मांधों का भारतीय सेना पर पथराव करना, उनकी लातों से पिटाई करना, ये सब निधर्मीवाद के दुष्परिणाम हैं ! जवानों के हाथों में बंदुक होते हुए भी उनकी की जानेवाली पिटाई अर्थात इस देश का अपयश है। धर्मांधों को इस बात की निश्चिती रहती है कि, सेना बंदुक का उपयोग नहीं करेगी तथा शासन भी अपने उपर कोई कार्रवाई नहीं करेगा। अतएव सेना के विरोध में धर्मांध तथा विभाजनवादी मनमानी करते हैं। शासन सेना को बंदूक का उपयोग करने से तथा अन्य अधिकारों से वंचित रखता है, इसलिए उनके मनोबल का खस्सीकरण हो रहा है। अतः सेना को विशेषाधिकार देने की आवश्यकता है। केंद्र शासन ने सेना पर पथराव करनेवाले देशद्रोही तथा धर्मांधों को भारत से बाहर निकालना चाहिए !’

इस आंदोलन में लाल महाल उत्सव समिति के श्री. चंद्रशेखर शिंदे, सनातन संस्था के श्री. शंभु गवारे के साथ ९० से अधिक धर्माभिमानी तथा राष्ट्रप्रेमी नागरिक सम्मिलित हुए थे।

श्री. तागडे ने आगे बताया कि, ‘मस्जिदों पर से बजनेवाले अवैध भोंपूओंद्वारा दी जानेवाली अजान के संदर्भ में पुलिस को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन करना चाहिए। जिस प्रकार पुलिस गणेशोत्सव के समय गणेश मंडलों को अधिनियमों का पालन करने के लिए बाध्य करते हैं, उसी प्रकार पुलिस ने मस्जिदों पर से बजनेवाले अवैध भोंपूओं पर भी कार्रवाई करनी चाहिए !

धर्मांतरण को प्रवृत्त करनेवाला तेलंगणा शासन का निर्णय निरस्त करें ! – श्री. शंभु गवारे

तेलंगाना स्टेट ख्रिश्‍चन (अल्पसंख्यंक) फायनान्स कॉर्पोरेशन की ओर से आरंभ की गई योजना में १० लक्ष रुपएं के अंदर के प्रकल्पों के लिए अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्रता शर्तों में पहली शर्त यह है कि, व्यक्ति का ईसाई होना आवश्यक है। साथ ही यह भी शर्त है कि, ईसाई होने का पात्रता पत्र तथा बाप्तिस्मा करने का पात्रता पत्र भी साथ होना चाहिए। इससे जनता में यह संदेश फैल जाएगा कि, निर्धन हिन्दुओं को शासकीय सुविधा प्राप्त नहीं हो सकती। उससे हिन्दुओं मे अन्याय की भावना बढ जाएगी तथा अनुदान प्राप्त करने के लिए धर्मपरिवर्तन कर ईसाई होने के प्रकार आरंभ होंगे। तेलंगाना शासन ने इस प्रकार की सुविधा देना, यह निधर्मी शासन का अनादर तथा राज्य घटना को पैरोतले कुचलने का षडयंत्र है। एक प्रकार से यह मनमानी है। अतः हमारी मांग है कि, उसे प्रतिबंधित करना चाहिए। साथ ही शासकीय स्तर पर धर्मांतर को प्रोत्साहित करनेवाला तेलंगाना स्टेट ख्रिश्‍चन फायनान्स कार्पोरेशन का निर्णय निरस्त करना चाहिए।

नागरिकोंद्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं इस प्रकार हैं …..

१. श्री. संदीप होडे – यह आंदोलन उचित है। साथ ही यह हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु होना ही चाहिए !

२. श्री. दत्तात्रय घोलप – यदि देशद्रोही पथराव कर रहे हैं, तो उस समय शासन क्या कर रहा है ? देशद्रोहियों पर गोलियों की बौछार करनी चाहिए। (जो बात सर्वसाधारण जनता के ध्यान में आती है, वह बात शासन के ध्यान में क्यों नहीं आती ? – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

३. एक पुलिसकर्मी ने बताया कि, देश विदारक स्थिति में होते हुए हम धर्मांध तथा आतंकवादियों का प्रतिकार कैसे करेंगे ? इस देश में हिन्दुओं का पक्ष लेनेवाला एक भी जनप्रतिनिधी नहीं है। ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापन करना, यही इन सभी समस्याओं पर उपाय है ! (जो बात एक पुलिसकर्मी के ध्यान में आती है, वह बात शासन के ध्यान में क्यों नहीं आती ? – संपादक- दैनिक सनातन प्रभात)

क्षणिकाएं

१. अनेक नागरिक आंदोलन का विषय सुन रहे थे। उत्सुकता से देख रहे थे तथा घोषणा भी दे रहे थे !

२. श्री. पवन पाटिल ने कुछ समय के पश्चात घोषणाएं दी तथा वहां से जाते समय उपस्थिति कार्यकर्ता को बताया कि, इस आंदोलन में मैं भी आप के साथ हूं !

३. एक मुसलमान आंदोलन के सामने खडा रहकर आंदोलन का विषय ध्यानपूर्वक सुन रहा था !

४. कु. ज्ञानोबा आझोरे, कु. नारायण मुळे, कु. दीपक तुपे-पाटिल इन पाठशालेय छात्रों ने स्वयं रुक कर आंदोलन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की तथा निवेदन पर हस्ताक्षर भी किए !

५. इस आंदोलन स्थल पर साधारण वेश परिधान किए हुए ५ तथा पुलिस एवं ४ पुलिसकर्मी थे। (यदि यही समय पुलिस ने आतंकवादियों के स्थान ढूंढने हेतु व्यतीत किया होता, तो अधिक उचित हो जाता ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

६. व्हॉटस् अ‍ॅप पर प्रसारित किया गया संदेश पढकर श्री. कृष्णा घाडी नाम के एक धर्माभिमानी ३६ किलोमीटर की दूरी से आंदोलन हेतु उपस्थिति रहें थे !

फेसबुक से सीधा प्रक्षेपण . . .

इस आंदोलन का फेसबुक पर से सीधा प्रक्षेपण किया गया था। उसका लाभ ५०९ लोगों ने ऊठाया। साथ ही आंदोलन की ध्वनिचित्र चक्रिका दो सहस्त्र से अधिक लोगों तक पहुंची !

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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