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‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ के अंतर्गत पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजीद्वारा मध्यप्रदेश में विविध स्थानों पर मार्गदर्शन

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में ‘हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान’ !

‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापनार्थ हिन्दुओं को आत्मबल जागृत करना चाहिए !

उज्जैन (मध्यप्रदेश) : कश्मीर में भारत का कानून मानना बंधनकारी नहीं है। इसलिए वहां तिरंगा जलाना, सैनिकों पर पथराव करना, देशविरोधी घोषणाएं देना आदि कृत्य देशद्रोही नहीं माने जाते !

मार्गदर्शन में उपस्थित धर्माभिमानी

छत्रपति शिवाजी महाराज तथा महाराणा प्रताप के राज्य में कोई देशद्रोही नहीं थे। उनके राज्य में यदि किसीने देशद्रोह किया, तो उसे त्वरित कठोर दंड मिलता था। अतः देश में चल रहे देशद्रोह पर एक ही उपाय है, ‘हिन्दू राष्ट्र’ ! ऐसे ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए हिन्दुओं ने छत्रपति शिवाजी महाराज, चंद्रगुप्त मौर्य तथा अर्जुन समान तपस्या कर आत्मबल जागृत करना चाहिए। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने उज्जैन के आनंदभवन में आयोजित कार्यक्रम में ऐसा प्रतिपादन किया।

इस अवसर पर व्यासपीठ पर उज्जैन के नगराध्यक्ष श्री. सोनू गहलोत, सिंहस्थ प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री. दिवाकर नातू, नगरसेवक श्री. संतोष व्यास, समाजसेवक श्री. प्रकाश चितौडा, प्रबुद्ध परिषद के संरक्षक श्री. राधेश्याम दुबे, प्रबुद्ध परिषद के अध्यक्ष श्री. आनंदीलाल जोशी आदि उपस्थित थे। २०० से भी अधिक धर्माभिमानी हिन्दुओं ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन श्री. महेश ज्ञानी एवं हिन्दू शौर्य जागरण के सचिव श्री. अरविंद जैन ने किया।

धर्मशिक्षा के अभाव में हिन्दू धर्म से दूर गए !

इंदुर (मध्यप्रदेश) : मुसलमानों को बचपन से ही उनके धर्म की शिक्षा मिलती आयी है। जीवन में क्या करना है, इस विषय में उनकी दिशा स्पष्ट है। इसलिए पूरे विश्व में इस्लाम का राज्य स्थापित करने के लिए वे प्रयासरत हैं; परंतु हिन्दुओं को धर्मशिक्षा न मिलने के कारण उन्होंने लॉर्ड मेकॉले की शिक्षापद्धति अपनायी। इसके फलस्वरुप महान हिन्दू धर्म से दूर जाने के कारण उनका अध:पतन हो रहा है। हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने ऐसा प्रतिपादित किया।

मार्गदर्शन में उपस्थित धर्माभिमानी

हिन्दू महासभा की ओर से १४ मई को ‘हिन्दू राष्ट्र’ इस विषय पर यहां के आर्यसमाज मंदिर में व्याख्यान का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में पू. डॉ. पिंगळेजी ने उपस्थितों को संबोधित किया।

इस अवसर पर हिन्दू महासभा के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री. पंडित पवन त्रिपाठी ने स्वातंत्र्यवीर सावरकर को अपेक्षित ‘हिन्दू राष्ट्र’ की व्याख्या बताई तथा ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना के लिए हिन्दू महासभा की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस कार्यक्रम में पू. उमेशानंदजी महाराज, सभा के प्रदेश महामंत्री श्री. जीतेंद्र ठाकुर तथा प्रदेश कार्याध्यक्ष श्री. नीलेश दुबे उपस्थित थे। हिन्दू महासभा के कुल १५० से भी अधिक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने इस कार्यक्रम का लाभ लिया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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