सातारा में ‘राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन’ !
सातारा : तेलंगना स्टेट ख्रिश्चन (अल्पसंख्यांक) फायनान्स कॉर्पोरेशन की ओर से विशेष योजना के अंतर्गत १० लाख रुपए के अंदर की परियोजना के लिए लाभान्वित होने हेतु अनुदान प्राप्त करने के लिए पात्र होने के लिए कुछ शर्तें रखी गई हैं। उसमें की पहली शर्त यह है कि, लाभान्वित व्यक्ति ईसाई होनी चाहिए। उसमें ईसाई होने का और उसका बाप्तिस्मा किए जाने का प्रमाणपत्र भी जोडना आवश्यक है !
इसकेद्वारा निर्धन होकर भी केवल हिन्दू होने के कारण सरकारी सुविधाएं प्राप्त नहीं होती, यह संदेश जाएगा और उससे हिन्दुओंमें अन्याय की भावना बढेगी। तत्पश्चात अनुदान प्राप्त करने हेतु धर्मपरिवर्तन कर ईसाई बनने की घटनाएं आरंभ होंगी। इस प्रकार से धर्मांतरण के लिए प्रेरित करनेवाला तथा स्वयंरोजगार हेतु केवल ईसाईयों को आर्थिक सहायता देनेवाले तेलंगना स्टेट ख्रिश्चन (अल्पसंख्यांक) फायनान्स कॉर्पोरेशन के इस निर्णय को निरस्त किया जाना चाहिए। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. हेमंत सोनवणे ने यह मांग की। साथ ही कश्मीर में सैनिकोंपर पथराव करनेवाले देशद्रोहियोंपर कठोर कार्रवाई की जाए तथा वहां सैनिकों को सर्वाधिकार प्रदान किए जाएं, यह भी मांग यहां के गोलबाग के सामने २१ मई को संपन्न राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में की गई उस समय श्री. सोनवणे बोल रहे थे।
इस आंदोलन में समर्थ संप्रदाय, वारकरी संप्रदाय, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू महासभा, हिन्दू जनजागृति समिति आदि संघटनों के ५० से भी अधिक पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे।
देशविरोधी घोषणाएं करनेवालोंपर अपराध प्रविष्ट करें ! – श्रीमती रूपा महाडिक, हिन्दू जनजागृति समिति
पाकिस्तानी सेनाद्वारा २ भारतीय सैनिकों की हत्या कर उनके शवों के साथ बर्बरता की। वरिष्ठ अधिकारियों से आदेश प्राप्त न होने से सैनिकों के लिए अपनी हाथों में बंदूकें होकर भी धर्मांधों का मुंहतोड उत्तर देना संभव नहीं हुआ था। यह स्थिति दुर्भाग्यजनक एवं भारतीय सैनिकों के मनोबल का खस्सिकरण करनेवाली है। सैनिकों पर पथराव करनेवाले एवं देशविरोधी घोषणाएं देनेवालों को देशद्रोही ठहराकर उनपर अपराध प्रविष्ट किए जाएं !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात