राजस्थान उच्च न्यायालय ने कहा है कि, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए। न्यायालय ने यह भी कहा की है कि, कानूनों में बदलाव कर गोहत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा दी जाए। अभी तक इस मामले में तीन साल की सजा का प्रावधान है।
हिंगोनिया गौशाला में गायों की मौतों के मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह निर्देश दिया है। अधिकारीयों को निर्देश दिया गया है कि वे गौशालाओं पर हर तीन महीने पर रिपोर्ट तैयार करें। इसके अलावा, हर महीने दौरा कर स्थिती की जांच करें।
वन विभाग से भी कहा गया है कि गौशालाओं में हर साल ५ हजार पेड़ लगाएं। जज महेश शर्मा ने यह ऐतिहासिक निर्णय सुनाया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यायामूर्ती ने कहा कि वह शिवभक्त हैं और यह निर्णय उनके आत्मा की आवाज है। जज ने यह भी कहा कि गायों की रक्षा करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
बता दें कि पिछले साल अगस्त महीने में राज्य की राजधानी जयपुर से मात्र ३५ किमी दूर हिंगोनिया गौशाला से ५०० गायों की मौत हुर्इ थी।
वहीं, देश भर में पशु मंडियों में वध के लिए जानवरों की खरीद-बिक्री पर केंद्र सरकार के प्रतिबन्ध के मद्देनजर उच्च न्यायालय का यह निर्णय महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। हालांकि, केंद्र सरकार के फैसले पर मद्रास उच्च न्यायालय ने चार सप्ताह की रोक लगा दी है।
स्त्रोत : नवभारत टाइम्स