मार्गशीर्ष शु. १०, कलियुग वर्ष ५११४
‘वीर जिवा महाले पुरस्कार’से अपर्णा रामतीर्थकर सम्मानित
वाई (जनपद सातारा) सरसेनापति हंबीरराव मोहिते नगर (संवाददाता) – सोलापुरकी ज्येष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अपर्णा रामतीर्थकरने आवाहन किया है कि, आज हिंदू स्त्रीका धर्मपरिवर्तन किया जा रहा है । उसका अपहरण किया जा रहा है । भविष्यमें हिंदुओंके निर्वंश होनेकी संभावना निर्माण हो गई है । अब भगवा झंझावात निर्माण करनेका समय आ गया है ! जिस प्रकार रामने रावणका वध किया, श्रीकृष्णजीने कंसका वध किया, छत्रपति शिवाजी महाराजने अफजलखानका वध किया, उसी प्रकार प्रत्येक हिंदू अपने धर्मपर आनेवाले संकटरूपी शत्रुका वध करनेकी आज शपथ लें । कट्टर धर्माभिमानी हिंदू पीढी निर्माण करनेके लिए प्रत्येक हिंदू स्त्रीद्वारा अपने बच्चेको हिंदुत्वकी घुट्टी पिलाई जानी चाहिए । आज शिवप्रतापदिनके अवसरपर श्रीमती रामतीर्थकरको प्रतापगड उत्सव समितिद्वारा ‘स्वराज्यभूषण वीर जिवा महाले पुरस्कार’ प्रदान कर सम्मानित किया गया । उस अवसरपर वह बोल रही थांr । उस समय व्यासपीठपर उत्सव समितिकी संस्थापिका श्रीमती विजयाताई भोसले, श्री. मिलिंद एकबोटे, इतिहास अभ्यासक श्री. पांडुरंग बलकवडे इत्यादि मान्यवर उपस्थित थे । उस समय ५ सहस्रसे अधिक शिवप्रेमी उपस्थित थे ।
अन्य पुरस्कारोंसे सम्मानित किए गए मान्यवर
‘शिवभूषण पंताजीकाका बोकील अधिवक्ता पुरस्कार’से अधिवक्ता ललित चव्हाणको एवं ‘हिंदुत्वशौर्य पुरस्कार’से श्री. शरद मोहोलको सम्मानित किया गया ।
धर्मांधोंका अनुनय करनेवाली नपुंसक सरकार ! – मिलिंद एकबोटे
श्री. एकबोटेने कहा कि, छत्रपति शिवाजी महाराजने अफजलखानका वध किया, इस ऐतिहासिक घटनाको दबानेका प्रयास सरकार कर रही है अतएव अफजलखानकी कब्रका उदात्तीकरण किया जा रहा है । न्यायालयद्वारा इस कब्रके आसपासका निर्माणकार्य हटानेका आदेश दिया गया है परंतु सरकार उस आदेशका पालन न कर न्यायालयका अपमान कर रही है ।
प.पू. डॉ. जयंत आठवलेकी कृपाशीर्वादसे ही मैं बोल सकती हूं ! – श्रीमती रामतीर्थकर
श्रीमती रामतीर्थकरने भाषण प्रारंभ करते समय बोलीं कि, ‘‘सनातन संस्थाके संस्थापक प.पू. डॉ. जयंत आठवलेकी कृपाशीर्वादके कारण ही मैं बोल सकती हूं !’’
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात