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मंगलुरू (कर्नाटक) में ‘वेद तथा यज्ञ का महत्त्व’ इस विषय पर संपन्न हुए कार्यक्रम में हिन्दू जनजागृति समिति का सहभाग

कोल्या श्री मुकांबिका मंदिर में ‘वेद तथा यज्ञ का महत्त्व’ इस विषय पर कार्यक्रम

बाईं ओर से श्री. श्याम भट, श्री. राघव, श्री. नारायण, श्री. अशोक कुमार एवं श्री. चंद्र मोगेर

मंगलुरू : यहां के कोल्या श्री मुकांबिका मंदिर में ‘वेद तथा यज्ञ का महत्त्व’ इस विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। उस समय जन्मभूमि स्वसहाय सौहार्द संघ के निर्देशक श्री. नारायण, सिंडिकेट बैंक के निवृत्त व्यवस्थापक श्री. अशोक कुमार, निवृत्त पुलिस अधिकारी श्री. राघव, श्री मुकांबिका मंदिर के अध्यक्ष श्री. मधुसुदन, कश्यप वेद रिसर्च फाऊंडेशन के संगठक श्री. दीपक, मुकांबिका मंदिर के पुरोहित श्री. श्याम भट तथा हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. चंद्र मोगेर उपस्थित थे।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री. चंद्र मोगेर ने बताया कि, ‘वर्तमान में जिस प्रकार वैद्यकीय शास्त्रों में अनेक शाखा होने के कारण हम उसे प्रगति कहते हैं, उसी प्रकार हिन्दुओं के संतों ने संशोधन के द्वारा देवताओं के तत्त्वों का निर्माण किया है। अतएव हिन्दू धर्म में ३३ करोड देवताओं का उल्लेख पाया जाता है। हिन्दू धर्म का यही श्रेष्ठत्व है कि, हिन्दू धर्म में ‘जितने व्यक्ति उतनी प्रकृति एवं उतने साधनामार्ग’ होने के कारण अनेक धर्मग्रंथ उपलब्ध हैं। यदि किसी व्यक्ति ने उसकी प्रकृति के अनुसार तथा साधना मार्ग के अनुसार साधना की, तो उसे ईश्वरप्राप्ति हो सकती है !

कार्यक्रम के अंत में ‘अग्निहोत्र किस प्रकार करना चाहिए ?’, यह उपस्थितों को दर्शाया गया।

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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