मार्गशीर्ष शु. १०, कलियुग वर्ष ५११४
जलगांव – मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष सप्तमी भारतीय इतिहासका एक सुवर्ण दिवस है । इस दिन छत्रपति शिवाजी महाराजने अपने कृत्यद्वारा आतंकवाद किस प्रकार समाप्त करें, इसका साक्षात उदाहरण दिखाया है । धर्मपर एवं राज्यपर आए अफजलखानरूपी इस्लामी संकटका शिवजी महाराजने केवल सामना ही नहीं किया, तो उसका समूल उच्चाटन भी किया । इस गौरवशाली इतिहासको ३५३ वर्ष हो गए हैं । इस दिनका हिंदू जनजागृति समितिद्वारा नगरके शिवतीर्थपर (जी.एस. मैदान) शिवप्रतापदिन समारोह संपन्न किया गया । शिवाजी महाराजकी प्रतिमाको पुष्पहार अर्पण कर मान्यवरोंद्वारा शिवाजी महाराजकी सावरकररचित आरती की गई । कु. जयेश पाटील (आयु १२) एवं कु. सौरभ देवकर (आयु १२)ने अफजलखान हत्याका शौर्यगीत प्रस्तुत किया । कार्यक्रमके अंतमें सर्व उपस्थितोंद्वारा अखंड हिंदू राष्ट्र निर्माण करनेकी शपथ ली गई ।
इस अवसरपर हिंदूमहासभाके विभाग संगठक अधिवक्ता श्री. गोविंद तिवारी, शिवसेना विभाग संगठक श्री. बबलू पिपरिया, शिवसेनाके विभागप्रमुख श्री. आकाश पाटील, मी मराठी प्रतिष्ठानके श्री. कपिल ठाकुर, श्री. राजेंद्र पाटील, भाजपा वैद्यकीय मोरचाके जनपदप्रमुख डॉ. विठ्ठल तावडे, श्री. गोपाल वाणी, श्री. भूषण वाणी, हिंदू जनजागृति समितिकी जनपद समन्वयक कु. प्रतिक्षा कोरगावकर, श्री. दीपक चौधरी, सनातन संस्थाके श्री. दत्तात्रेय वाघुळदे, अनिता पोलके सहित अनेक धर्माभिमानी भारी संख्यामें उपस्थित थे । कार्यक्रमकासूत्रसंचालन आदित्य धर्माधिकारीने किया ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात