हुबली (कर्नाटक) में ‘हिन्दू धर्मजागृति सभा’ !
हुबली (कर्नाटक) : देश में कुछ बुद्धिवादी साहित्यिकों की हत्या होने पर सनातन संस्था पर मिथ्या आरोप लगा कर उसकी जांच की जा रही है; परंतु प्रत्यक्ष में अल्प सा भी प्रमाण नहीं मिला है एवं मिलेगा भी नहीं ! सनातनधर्मीय खून करनेवाले नहीं होते ! हिन्दुओं में शक्ति होते हुए भी वे निद्रिस्त हैं। उन्हें जागृत करने का कार्य सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति कर रही है तथा इसके लिए उन्होंने अपार कष्ट झेले हैं !
श्रीराम सेना के संस्थापक अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक ने यहां ऐसा प्रतिपादित किया। वे, यहां के चव्हाण ग्रीनगार्डन में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हिन्दू धर्मजागृति सभा आयोजित की गई थी इसमें बोल रहे थे।
इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के शिवमोग्गा जिला समन्वयक श्री. विजय कुमार, सनातन संस्था की कु. नागमणी आचार्य, रणरागिणी शाखा की श्रीमती विदुला हळदीपुर ने भी मार्गदर्शन किया। सभा में २६५ से भी अधिक धर्माभिमानी उपस्थित थे।
श्री. मुतालिक ने आगे कहा कि, पिछले एक माह से सनातन के साधक घर घर जाकर प्रसार कर समाज को जागृत करने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए घर तथा संसार का त्याग किया है। हमें सनातन संस्था के साधकों का आदर्श लेना चाहिए।
क्षणिकाएं
१. श्री. प्रमोद मुतालिक जब सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य के संदर्भ में बोल रहे थे उस समय धर्माभिमानियोंद्वारा तालियों की गडगडाहट हो रही थी !
२. धर्मजागृति सभा में बीच-बीच में वर्षा हो रही थी एवं साधकों के प्रार्थना करने पर वह रूक भी रही थी !
३. सभास्थल के पीछे नारियल के वृक्ष पर बैठ कर अपनी आवाज से एक गरुड ने शुभसंकेत दिया !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को १०० वर्ष की आयु प्राप्त हों !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को १०० वर्ष की आयु प्राप्त हो; क्योंकि समाज में हमारे समान साधकों को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में उनका आशीर्वाद चाहिए। हमें आगे ले जाने हेतु उनके मार्गदर्शन की आवश्यकता है। हमें एकत्रित आकर संघटन बनाने तथा हमें आध्यात्मिक बल प्राप्त होने हेतु प.पू. गुरुदेवजी के अमोल मार्गदर्शन की अत्यंत आवश्यकता है। हिन्दुओं के लिए भारत एक ही घर है। हमें भारत के अलावा कोई पर्याय नहीं है। टिकट खो जाने पर एक व्यक्ति की जो अवस्था होती है, ठीक वैसी ही अवस्था स्वतंत्रता गंवाने पर भारतियों की हुई थी वैसी हो गई है। इसलिए हम सभी को संघटित होना आवश्यक हो गया है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात