हिन्दू विधिज्ञ परिषद के अधिवक्ता श्री. नागेश ताकभातेद्वारा गृहविभाग, गृहसचिव एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के पास परिवाद
इस प्रकार की मांग करने की स्थिति आना शासन एवं अन्वेषण विभाग के लिए लज्जास्पद है ! विद्वेषपूर्ण विचार फैलानेवालों के विरोध में शासन स्वयं आगे आ कर कार्रवाई कब करेगा ? ‘राष्ट्र एवं धर्मजागृति’ का कार्य करनेवाली हिन्दू जनजागृति समिति के फेसबुक खाते को वर्ष २०१३ से बिना किसी कारण बंद करनेवाला शासन जिहादी डॉ. जाकिर नाईक के फेसबुक खाते को बंद नहीं करता, यह अत्यंत क्षोभजनक है !
पणजी : आतंकवादी विचार फैलाने का आरोप लगाकर भारतीय सुरक्षा विभाग के रडार पर रहे डॉ. जाकिर नाईक तथा उनकेद्वारा प्रचालित; किंतु प्रतिबंधित ‘इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन’ के फेसबुक खाते (अकाऊंट) अभी भी प्रचालित हैं !
इन खातों को तुरंत बंद किया जाए। हिन्दू विधिज्ञ परिषद के गोवा राज्य सचिव अधिवक्ता श्री. नागेश ताकभातेद्वारा गृहविभाग, गृहसचिव एवं राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के पास ५ जून को यह परिवाद प्रविष्ट किया गया। इस परिवाद की प्रति गोवा पुलिस के साईबर विभाग के पास भी कार्रवाई हेतु प्रस्तुत की गई है। इस परिवादद्वारा डॉ. जाकिर नाईक तथा इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन के फेसबुक खातों को तुरंत बंद (ब्लॉक) करने की मांग की गई है। डॉ. जाकिर नाईक और उनका फेसबुक खाता चलानेवाले उनके सहयोगी, इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन और फेसबुक पर रखे गए इस लेखन को प्रतिसाद देनेवाले उनके समर्थक (फॉलोअर्स) पर कार्रवाई करने की मांग भी इस परिवाद के माध्यम से की गई है !
गतवर्ष ढाका में आतंकवादी आक्रमण करानेवाले आतंकियों ने डॉ. जाकिर नाईक के भाषण के कारण प्रेरित होने का दावा किया था। तत्पश्चात राष्ट्रीय सुरक्षा विभागद्वारा अवैध कार्रवाई प्रतिबंधक विधि के (युएपीए) के अंतर्गत उनपर नागपाडा पुलिस थाने में अपराध प्रविष्ट किया गया है।
पुलिस प्रशासन की ओर से पूछताछ हेतु उपस्थित होने के लिए ३ बार समन देकर भी डॉ. जाकिर नाईक उपस्थित नहीं रहे। डॉ. जाकिर नाईक पर इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन के माध्यम से भडकाऊ भाषणों के माध्यम से विद्वेष फैलाना, आतंकियों की आर्थिक सहायता करना, साथ ही मनी लाँडरिंग (पैसों का अवैध लेन-देन) करना आदि आरोप लगाए गए हैं।
१७ नवंबर २०१६ को ‘इस्लामिक रिसर्च फाऊंडेशन’ को आर्थिक सहायता उपलब्ध कर देने के माध्यम से आर्थिक अनियमितताएं करने के आरोप में भी डॉ. जाकिर नाईक को समन दिया गया था। इन प्रकरणों के कारण संकट में आने के कारण डॉ. जाकिर नाईक देश के बाहर भाग गए हैं !
डॉ. जाकिर नाईक अपने समर्थकों को दो धर्मों में तनाव उत्पन्न करने हेतु भडका रहे हैं, गृहविभाग के पास इसके अनेक प्रमाण हैं। उन्हों ने कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन का खुला समर्थन किया है। अपने भडकाऊ भाषणों में अपना मत व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा था कि उनका कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन का खुला समर्थन है ! हर मुसलमान को आतंकी बनना चाहिए। मुसलमानों के मन में आया होता, तो इस भारत में ८० प्रतिशत हिन्दू ही न रहते ! उन्होंने हिन्दुओं के विरोध में सदैव आपत्तिजनक लेखन किया है। वे खुलेपन से दावा करते हैं कि सुवर्णमंदिर तो मक्का और मदिना की अपेक्षा पवित्र नहीं है !
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात