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भेलकेनगर (पुणे)में शाहिस्तेखानकी उंगलियां छांटनेवाला फलक हटाया गया !


  • हिंदुओ, छत्रपति शिवाजी महाराजद्वारा किया गया शौर्य दर्शानेवाले फलक लगानेपर रोक लगानेवाले कांग्रेसी कल शिवाजीका छायाचित्र लगाने एवं उनका नाम लेनेपर भी प्रतिबंध लगाएंगे, यह समझ लें !
  • शिवजयंतीकी पार्श्वभूमिकापर हिंदुद्रोही कांग्रेसकी तानाशाही (रजाकारी) पुलिसद्वारा ‘मुगलाई’ !

(महाराष्ट्र), ८ मार्च (वृत्तसंस्था) – शिवजयंतीकी पार्श्वभूमिकापर ‘राजे शिवराय प्रतिष्ठान’द्वारा कोथरूडमें स्थित भेलकेनगर चौकमें लगाया गया शाहिस्तेखानकी उंगलियां छांटनेका प्रसंग दर्शानेवाला फलक पुलिसद्वारा हटाया गया । कोथरुड पुलिस ठाणेके वरिष्ठ पुलिस अधिकारी चंद्रकांत घोडकेने आज सवेरे आठ बजे यह ‘शूरता’ दिखाई । (यह तो भारतका दुर्भाग्य ही है कि शिवाजी जयंतीके अवसरपर भी हम छत्रपति शिवाजी महाराजका खरा इतिहास प्रस्तुत नहीं कर सकते ? सत्य इतिहास दबानेकी कार्यवाही यदि मुगलोंके वंशज अर्थात कांग्रेसी शासकोंद्वारा हुई है, तो इसमें आश्चर्यकी क्या बात है ? – संपादक)

१. ‘राजे शिवराय प्रतिष्ठान’द्वारा शिवजयंती महोत्सवके पार्श्वभूमिकापर ६ मार्चको यह फलक लगाया गया था ।
२. पुलिस अधिकारी चंद्रकांत घोडकेने ऐसा कहते हुए यह फलक हटाया कि इस फलकके कारण ‘कुछ’ लोगोंकी भावनाएं व्यथित होती हैं । अतः उपद्रव होनेकी संभावना है । (‘कुछ’ लोगोंकी अर्थात मुसलमानोंकी; जो पुलिस इतना भी निर्भयतासे नहीं बता सकती, उनके विषयमें यदि हिंदु सोचने लगे कि वे जिहादी आतंकवादियोंके हस्तों मरने योग्य ही हैं, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा । – संपादक)

३. प्रतिष्ठानके श्री. दुष्यंत मोहोलको पुलिस थानेमें आमंत्रित कर ऐसे फलक न लगानेके विषयमें चेतावनी दी गई । (यह हैमहाराष्ट्र शासन एवं पुलिसका शिवाजीप्रेम ! यह स्थिति परिवर्तित करनेके लिए हिंदुओंका व्यापक एवं प्रभावी संगठन नहीं हुआ, तो कल छत्रपति शिवाजी महाराजका नाम लेना भी कठिन होगा । – संपादक)

४. सत्य इतिहास दबाकर रखनेकी पुलिसकी इस ‘मुगली’कार्यवाहीके कारण शिवाजीप्रेमी अत्यधिक आक्रोशित हुए हैं । (शिवाजीप्रेमियो, केवल संताप व्यक्त कर रुके नहीं । सत्य इतिहास निर्भयतासे एवं समूचे विश्वमें अभिमानके साथ सामने आए ऐसी स्थिति उत्पन्न करें ! – संपादक)

स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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