चीन पाकिस्तान में सैन्य अड्डा बनाने की योजना पर काम कर रहा है। यह दावा अमेरिकी रक्षा विभाग ने किया है। पेंटागन ने हाल ही में ९७ पन्नों की एक रिपोर्ट अमेरिकी संसद को सौंपी है जिसमें कहा गया है कि, चीन हिन्द महासागर, भूमध्य सागर और अटलांटिक महासागर तक अपनी सैनिक पहुंच बनाने के उद्देश से पाकिस्तान में सैन्य अड्डा स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि, चीन विदेशों में ज्यादा से ज्यादा अपना सैनिक अड्डा बनाने के प्रयासों में जुटा है। इसके तहत चीन उन देशों में सैन्य अड्डा बनाने के प्रयासों में जुटा है जिनसे उनके संबंध अच्छे हैं।
चीन ने अभी हाल ही में अपना एक सैनिक अड्डा अफ्रीकी देश जिबूटी में स्थापित किया है। मंगलवार को जारी पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि, चीन की इस कोशिश से भारत के लिए सामरिक चुनौती बढ जाएगी। जिबूटी में स्थापित चीनी नौसैनिक अड्डे से भारत की भी चिंता बढ़ी हैं। दरअसल, जिबूटी की भौगोलिक स्थिति बहुत अहम है। यह हिंद महासागर के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर बसा हुआ है, वहां से भूमध्य सागर और हिन्द महासागर तक चीन आसानी से पहुंच बना सकता है।
अमेरिकी रक्षा विभाग की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, चीन विदेशी बंदरगाहों तक अपनी पहुंच को मजबूत बनाने की कोशिश में है ताकि वो माल ढुलाई के साथ-साथ समंदर में अपनी सैन्य उपस्थिति मजबूत कर सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि, चीन हिन्द महासागर, भूमध्य सागर और अटलांटिक महासागर में सैनिक उपस्थिति मजबूत करना चाहता है। ताकि किसी भी परिस्थिति से वो निपट सके।
पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की आर्थिक प्रगति जहां पीछे हो रही है, वहीं उनके नेता रक्षा क्षेत्र पर जोर दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने रक्षा क्षेत्र में ११५ खरब से भी ज्यादा का बजट खर्च किया है। हालांकि, चीन रक्षा बजट की रकम ९० खरब के करीब ही बताता है परंतु पेंटागन के अनुसार, चीन इस रकम से कहीं ज्यादा अपनी सेना और रक्षा जरूरतों पर खर्च कर रहा है।
स्त्रोत : जनसत्ता