भारत के इमाम कभी ऐसा निर्णय ले सकते हैं ?
ब्रिटेन में १३० से अधिक इमामों और मौलवियों ने लंदन ब्रिज पर आक्रमण करने वाले आतंकियों के लिए पारंपरिक जनाजे की नमाज पढने से मना कर दिया। इमामों ने कहा कि, उनके कृत्य ऐसे हैं जिनका बचाव करना इस्लाम की शिक्षाओं के उलट है।
पूरे देश के इमाम, मौलवियों एवं मुस्लिम विद्वानों ने एक साथ सार्वजनिक बयान जारी करते हुए कहा कि इस्लाम की पहचान समझे जाने वाले इस तरह के दूसरे नैतिक सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए हम गुनहगारों के लिए पारंपरिक जनाजे की नमाज नहीं पढ़ेंगे।
हम साथी इमामों एवं धार्मिक प्राधिकारों से भी ऐसा ही करने की अपील करते हैं। ज्ञात हो कि लंदन में हुए दोहरे आतंकी हमले में सात लोग मारे गए थे और दर्जनों अन्य घायल हुए। तीनों आक्रमणवरों को मार गिराया गया था ।
बयान के अनुसार, ‘‘इसकी वजह यह है कि ये ऐसे कृत्य हैं, जिनका बचाव नहीं किया जा सकता और ये इस्लाम की सर्वोच्च शिक्षाओं के उलट हैं’ । लंदन में हुए दोहरे आतंकी हमले में सात लोग मारे गये थे और दर्जनों अन्य घायल हुए । तीनों आक्रमणवरों को मार गिराया गया था।
स्त्रोत : हरिभूमि