वाशिंगटन/नई देहली : अमरीका में पाकिस्तान के राजदूत एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पाकिस्तानी राजदूत ने कहा कि, हमारे देश को आतंकियों के पनाहगाह के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। उनकी बात को सुनते ही कार्यक्रम में उपस्थित लोग हंस पडे। लोगों की हंसी से शर्मसार राजदूत ने सफाई दी परंतु ठहाके नहीं रुके तो वो झल्ला गए।
अटलांटिक काउंसिल के साउथ एशिया सेंटर और अमरीकी थिंक टैंक ने बुधवार अफगानिस्तान और लादेन भी तो वहीं मिला पर काॅन्फ्रेंस की थी। इसमें भारत, अफगानिस्तान और अमरीका के कूटनीतिज्ञ उपस्थित थे। इसी दौरान पाकिस्तान के राजदूत एजाज अहमद चौधरी ने बोलना शुरू किए। इसी दौरान एक एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान आतंकियों के लिए महफूज पनाहगाह नहीं है। इस पर वहां उपस्थित लोग जोर से हंसने लगे। वहीं चौधरी शर्मसार हुए हालांकि लोगों की हंसी पर वे झुंझला उठे।
प्रश्नों से तिलमिलाएं पाक राजदूत
पाकिस्तानी राजदूत अहमद चौधरी से अमरिकी पत्रकार ने एक प्रश्न किया कि, मुल्ला उमर अफगानिस्तान से भागकर कराची में इलाज करा रहा था, वहीं उसकी मृत्यु हो गई। लादेन भी अफगानिस्तान से भागकर पाकिस्तान में आलीशान बिल्डिंग में ऐशो-आराम से रह रहा था। फिर आप कैसे कह सकते हैं कि पाकिस्तान आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह नहीं है ?
इस प्रश्न पर तिलमिलाए एजाज ने कहा, ‘अगर आप पुराने बातों को ही याद करते रहेंगे तो आगे का रास्ता कैसे निकलेगा ? इसमें हंसने की क्या बात है ?
पाक के विरुध्द हर जगह सबूत
कार्यक्रम में थिंक टैंक के एक्सपर्ट एश्ले टेलिस ने कहा, ‘पाकिस्तानी सरकार और सेना आतंकियों को पनाह देती है, इसके सबूत तो हर जगह उपस्थित है। अमरीका को अब इस मामले में बेहद सख्ती से पेश आना होगा। वहीं अफगान राजदूत ने कहा, ‘हमारे राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ से साफ कह दिया है कि, अगर अफगानिस्तान में आतंकी हमले होतें हैं तो इसका जिम्मेदार पाकिस्तान होगा, और इसके नतीजे खतरनाक होंगे। तालिबान के तमाम नेता पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहे हैं।
पाक ने भारत पर मढा दोष
इस कार्यक्रम में एजाज अहमद चौधरी ने कहा कि, ये सब भारत की चाल है। हम चाहते हैं कि, अफगानिस्तान में अमन कायम हो परंतु वहां भारत अपनी स्थिती मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। भारत अफगानिस्तान को हर तरह की मदद देता है । भारत अफगानिस्तान के जरिए पाकिस्तान को घेरना चाहता है। पाकिस्तान को हमेशा कसूरवार ठहराना सही नहीं है। हमने अफगानों की मदद की है। चौधरी ने कहा ये दोहरी नीति नहीं तो और क्या है ?
स्त्रोत : पत्रिका