मार्गशीर्ष शु. ११, कलियुग वर्ष ५११४
गुजरातमें कांग्रेसका निरंतर पाचवीं बार पराजय
कर्णावती (गुजरात) २० दिसंबर – गुजरातके मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदीने विधानसभाके चुनावमें कांग्रेसकी तिसरी बार पराजय कर सफलता प्राप्त की । १३ एवं १४ दिसंबरको हुए विधानसभा चुनावके मतदानकी गिनती की गई, जिसमें कुल मिलाकर १८२ स्थानोंपर भाजपाको ११५, कांग्रेसको ६१, भाजपासे अलग होकर अपना स्वतंत्र पक्ष निकालनेवाले गुजरातके भूतपूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेलके पक्षको २ तथा राष्ट्रवादी कांग्रेसको २ स्थान मिले तथा अन्य २ प्रत्याशी विजयी हुए । मोदी स्वयं श्री मणिनगरसे चुनकर आए । उन्होंने भारतीय पुलिस सेवाके अधिकारी संजीव भट्टकी पत्नी श्वेता भट्टका पूरे ८६ सहस्र ३७३ मतोंसे पराजय किया । गुजरातमें निरंतर पाचवीं बार भाजपाका राज्य आया है । यहांपर भाजपाको सन १९९० से सफलता मिल रही है । सूत्रोंद्वारा दी गई जानकारीके अनुसार श्री मोदीको २५ दिसंबरको मुख्यमंत्रीपदकी शपथ दिलाई जाएगी ।
मुसलमान बहुसंख्यक मतदारसंघमें भाजपाको सबसे अधिक स्थान
राज्यके १९ मुसलमान बहुसंख्यक मतदारसंघोंमें भाजपके १२ प्रत्याशी विजयी हुए जबकि कांग्रेसके ७ प्रत्याशी । इस अवसरपर श्री मोदीद्वारा एक भी मुसलमान प्रत्याशीको चुनावके लिए टिकट नहीं दिया गया था । ( गत १० वर्षोंसे गुजरात दंगेकी आडमें तथाकथित निरपेक्षतावादियोंने श्री मोदीका 'धर्मांध' कहकर छल किया । उसको अनदेखा कर श्री मोदीने गुजरातका विकास किया, जिसका हिंदुओंके साथ-साथ मुसलमानोंको भी लाभ मिला । इस लाभके कारण ही मुसलमानोंने श्री मोदीको मतदान किया । वह शुभदिन होगा, जिस दिन यह बात मोदीद्वेषियोंको समझेंगी । – संपादक )
प्रधानमंत्री पदके लिए मोदी सक्षम उमेदवार
श्री मोदीकी सफलताके पश्चात उनके कार्यकर्ताओंद्वारा मोदीका 'प्रधानमंत्रीपदके लिए योग्य व्यक्ति' ऐसा प्रचार करना आरंभ किया गया है । अनेक स्थानोंपर इस आशयके 'होर्डिंग्ज' लगाए गए हैं ।
मेरा लडका प्रधानमंत्री बनेगा – मोदीकी माताजी
श्री मोदीकी माताजी श्रीमती हिराबेनने मोदीकी सफलताके उपरांत अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते समय आशिर्वाद देते हुए कहा कि मेरे लडकेने गुजरातका विकास करने हेतु रातदिन पसीना बहाया है । वह रुकेगा नहीं । आज उसने गुजरात जिता । शीघ्रही वह देहलीको जितेगा एवं प्रधानमंत्री बनेगा । श्री मोदीकी अपनी माताजीपर श्रद्धा है एवं किसी भी कार्यको आरंभ करनेसे पूर्व वे अपनी मांसे आशीर्वाद लेते हैं ।
क्षणिका : विजयी होनेके पश्चात श्री नरेंद्र मोदी गुजरात परिवर्तन पक्षके अध्यक्ष एवं भूतपूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेलको मिलने हेतु उनके घर गए । इतनाही नहीं, अपितु उन्होंने केशुभाई पटेलके पांव छूकर उनके आशिर्वाद भी प्राप्त किए ।
सफलता प्राप्त होनेके पश्चात श्री मोदीद्वारा ईश्वरके चरणोमें कृतज्ञता
चुनावमें सफलता मिलनेके पश्चात श्री मोदीने 'ट्वीटर' पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईश्वरके चरणोमें कृतज्ञता व्यक्त की एवं गुजरातके ६ करोड नागरिकोंका धन्यवाद किया ।
विजयी होनेपर कर्णावतीमें आयोजित शामकी सभामें श्री मोदीद्वारा कहे गए विधान
१. श्री मोदीने विरोधकोंपर आलोचना करते हुए कहा कि गुजरातके विरोधक हमारी सफलताको नहीं पचा सके । उन्हें लज्जा आनी चाहिए । गुजरातकी जनताको इन विरोधकोंके लिए रात्रिमें नींद आने हेतु प्रार्थना करनी चाहिए ।
२. यह सफलता केवल गुजरातकी ही नहीं, अपितु आसाम, केरल तथा कश्मीरकी जनताकी भी है ।
३.गुजरातकी जनताने हमें नहीं, अपितु विकासको सफल किया है ।
४. विरोधक हमारी ओर जितना कीचड उछालेंगे, उतनेही हमारी ओरसे कमल खिलेंगे ।
गुजरातके चुनावके परिणामोंका अर्थ
१. भाजपाको सबक
१ अ. यह भाजपका विजय नहीं है । यह केवल एवं केवल श्री नरेंद्र मोदीके व्यक्तित्व एवं कर्तृत्वका विजय है । गुजरातके विकासकी लगन, निष्पक्ष कारोबर, तत्काल निर्णय, भ्रष्टाचार विरहीत निर्मल प्रशासन एवं लोगोंका प्रशासनपर विश्वासके कारण मोदीकी लोकप्रियता बढती गई एवं जनताद्वारा श्री मोदीको प्रत्येक समय सत्ता सौंपी गई । निजी स्वार्थके लिए जातिपातीकी राजनीतिका अवलंब कर केशुभाई पटेलने भाजपाकी थोडी हानि अवश्य की ।
१आ. गुजरातमें मिली सफलतासे भाजपको अत्यधिक आनंदी नहीं होना चाहिए । भाजपने हाल हीमें उत्तराखंड गमाया । कर्नाटक लगभग चला ही गया है, एवं अब हिमाचल भी गया । अल्पसंख्यकोंकी चापलूसी एवं आरक्षणकी राजनीति किए बिना भी सत्ताको संभाला जाना संभव है । इसके लिए क्या करना चाहिए यह भाजपको उनके ही पक्षनेता श्री नरेंद्र मोदी एवं मध्यप्रदेशके मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहानसे सिखना चाहिए ।
२. कांग्रेस सबक लें
निरंतर श्री मोदी एवं हिंदुओंके विरोधमें विषवमन, अल्पसंख्यक एवं जिहादि आतंकवादियोंके अक्षरधाम, गोध्रा आदिके विषयमें मौन, केवल अल्पसंख्यकोंको हित संजोना,आदि धर्मांध एवं विघातक कृत्योंके कारण जनता त्रस्त हो गई है । इसलिए जनताने गत तीन चुनाओमें मोदीको मोदीको समर्थन देकर अपना मत व्यक्त किया है ।
३. कांग्रेसद्वारा निरंतर असत्य भाषण करनेका परिणाम
३अ. सोनिया गांधीने अपने चुनाव प्रचारमें कहा था कि श्री. मोदीद्वारा गुजरातमें विकास किया ही नहीं गया, जबकि प्रधानमंत्री मनमोहनसिंहने कहा था कि गुजरातमें अल्पसंख्यकोंको असुरक्षित लगता है । उनके इस साफ झूठे कथनसे जनताको चीढ आई, जिससे जनताने कांग्रेसको मतपेटीके माध्यमसे अधिकाधिक संख्यासे सबक सिखानेकी ठानी । फलस्वरुप अभूतपूर्व मतदान हुआ एवं अल्पसंख्यकोंके साथ सभी जनताने कांग्रेसके असत्य कथनपर प्रहार किया ।
३ आ. अन्य राज्योंकी जनताको गुजरातमें हुए चुनावके परिणामका अर्थ भली-भांति जानकर कांग्रेस एवं उसके समर्थक धर्मांध पक्षोंको विसर्जित कर देशका कल्याण करना चाहिए ।
कांग्रेसद्वारा भ्रष्टाचार किए जानेके पश्चात भी भाजपाकी पराजय होती है, यह जनताके लिए सभी पक्ष एकसमान होनेका द्योतक है ।
हिमाचल प्रदेशमें भाजपका पराभव
सिमला, २० दिसंबर – हिमाचल प्रदेशमें हुए चुनावोमें सत्ताधारी भाजपको पराजय स्वीकारना पडी एवं कांग्रेस सफल हुई । राज्यके कुल ६८ सीटोमें कांग्रेसको ३६, भाजपाको २६ एवं अन्य ६ ऐसे स्थान मिले हैं । गत चुनावमें भाजपने ४१ सीटोंपर विजय प्राप्त की थी । सन १९७७ के पश् चात हिमाचल प्रदेशका इतिहासको देखनेपर ध्यानमें आता है कि कोई पक्ष दूसरी बार चुनकर नहीं आया । कांग्रेसके नेता वीरभद्रसिंह मुख्यमंत्रीपदपर नियुक्त होनेकी संभावना है ।
स्त्रोत – दैनिक सनातन प्रभात