हिन्दुओं, हिन्दूसंघटन के माध्यम से ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना किए बिन ये दंगें बंद नहीं होंगे !
नंदुरबार : यहां धर्मांधों के एक गुंटद्वारा १० जून की सुबह शहर के मध्यभाग में बहुत बडी मात्रा में घरों एवं दुकानोंपर पथराव करना, उनको जला देना, सामान की तोडफोड करना ऐसे अनेक प्रकार से बडा दंगा करवाया और बड़ी मात्रा में आतंक उत्पन्न किया। इसमें पुलिस के वाहन को भी जला देने का प्रयास किया गया। इस समय ३ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। विशेष बात यह कि, पुलिस प्रशासनद्वारा दंगे की संभावना को ध्यान में लेते हुए सतर्कता के रूप में पुलिसकर्मियों की व्यवस्था लगा दी थी; किंतु ऐसा कर भी दंगा हुआ !
पुलिसकर्मियों ने आंसूगैस और लाठीमार का उपयोग कर अपने पूरे बल का प्रयोग कर इस दंगे पर नियंत्रण किया। इस प्रकरण में पुलिस ने हिन्दू और मुसलमानों के दोनों गुटों के ३० से भी अधिक लोगों को बंधक बनाया है। दंगे के समय में मंदिर एवं प्रार्थनास्थल की दिशा में भी पथराव किया गया। मुंहपर रुमाल बांधें युवक सडकोंपर आतंक उत्पन्न करते घूम रहे थे, जिससे नागरिकों को कश्मीर की स्थिति का स्मरण हुआ। इस आतंक के कारण नंदुरबार को अघोषित संचारबंदी का स्वरूप प्राप्त हुआ। आज के दिन पूरे शहर में संचारबंदी है और तनाव का वातावरण है।
चिकन टिक्का बेचनेवाले यहां के शब्बीर शेख मासूम पिंजारी (आयु ७५) के साथ एक युवक सचिन मराठे से विवाद होने से सचिन पर धर्मांधोंद्वारा सामूहिक आक्रमण किया गया। तत्पश्चात अमानवीय पद्धति से पीटे गए सचिन को चिकित्सालय में भरती करा दिया गया। इस विवाद के समय पिंजारी की गाडीपर स्थित पेट्रोल और जलती हुई अंगीठी उनके शरीरपर गिर जाने से उनको भी चिकित्सालय में भरती करा दिया गया था। ९ जून को उनकी मृत्यु होने का ज्ञात होते ही १० जून को दंगा भडक उठा !
सचिन सहित धर्मांधों के समूहपर भी अपराध प्रविष्ट किए गए हैं।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात