रामनाथी : यहां १४ जून से शुरु हुए छठे अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने अपने मार्गदर्शन में कहा कि, एक ओर हम कहते है कि संविधान ने सभी को समान अधिकार दिया है; परंतु उसी समय पाठशाला में हिन्दुआें को धर्मशिक्षा नकारी जाती है और अहिन्दुआें को वह लेने का अधिकार है । आज केवल हिन्दुआें के मंदिरों का सरकारीकरण किया जाता है । हिन्दुआें के मंदिरों का पैसा सामाजिक कार्य के लिए उपयोग में लाया जाता है, इसके विपरीत अन्य धर्मियों के धार्मिक स्थल कभी भी अधिगृहित नहीं किए जाते । समान नागरी कानून हिन्दुआें के लिए ही अनिवार्य है । ऐसे लोकतंत्र में हिन्दुआें को क्या कभी न्याय मिलेगा ? वर्तमान राज्यव्यवस्था हिन्दू धर्मीय एवं भारतभूमि की रक्षा करने में असफल सिद्ध हुई है । इसलिए हिन्दू राष्ट्र ही सभी समस्याआें का समाधान है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हमारा केवल विचार नहीं, व्रत है और संवैधानिक अधिकार उपयोग कर हम उसे अवश्य पूरा करेंगे ।